पोस्टुरल ऑर्थोस्टैटिक टैचीकार्डिया (Postural Orthostatic Tachycardia) - परिचय, कारण, लक्षण, आयुर्वेदिक उपचार एवं रोकथाम के उपाय
परिचय
पोस्टुरल ऑर्थोस्टैटिक टैचीकार्डिया (POTS) एक ऑटोनॉमिक विकार है जिसमें व्यक्ति के खड़े होते ही हृदय की धड़कन में अत्यधिक वृद्धि हो जाती है। इससे चक्कर आना, थकान, दिल की तेज धड़कन एवं कभी-कभी बेहोशी जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। यह स्थिति शरीर में रक्त का वितरण असंतुलित होने के कारण विकसित होती है।
कारण
⚠ [b]ऑटोनॉमिक सिस्टम में असंतुलनखड़े होते ही रक्त का वितरण सही से नहीं होने से हृदय तेजी से धड़कने लगता है।
⚠ [b]आनुवांशिक एवं पर्यावरणीय कारकपरिवारिक इतिहास और बाहरी कारक जैसे अत्यधिक गर्मी, थकान एवं तनाव भी इस विकार में योगदान कर सकते हैं।
⚠ [b]दीर्घकालिक शारीरिक थकानअत्यधिक शारीरिक गतिविधि या थकान से शरीर में ऑटोनॉमिक संतुलन बिगड़ सकता है।
[b]लक्षण
⚠ [b]हृदय की तेज धड़कनखड़े होते ही हृदय की धड़कन में तीव्र वृद्धि होती है।
⚠ [b]चक्कर आना एवं बेहोशीखड़े होते ही चक्कर आना, हल्की बेहोशी या गिरने का डर महसूस हो सकता है।
⚠ [b]थकान एवं कमजोरीदिन भर में अत्यधिक थकान, कमजोरी एवं ऊर्जा की कमी हो सकती है।
⚠ [b]पाचन संबंधी समस्याएंकभी-कभी पेट में दर्द या पाचन में बाधा का अनुभव हो सकता है।
[b]आयुर्वेदिक उपचारपोस्टुरल ऑर्थोस्टैटिक टैचीकार्डिया का मुख्य उपचार आधुनिक चिकित्सा द्वारा किया जाता है; आयुर्वेदिक उपाय केवल पूरक के रूप में अपनाए जा सकते हैं ताकि मानसिक एवं शारीरिक संतुलन में सुधार हो सके।
⚠ [b]अश्वगंधाअश्वगंधा हृदय एवं नर्वस सिस्टम को मजबूत बनाने में सहायक होती है।
⚠ [b]ब्राह्मीब्राह्मी मानसिक स्पष्टता एवं तंत्रिका तंत्र के संतुलन में सुधार लाने में उपयोगी है।
⚠ [b]त्रिफलात्रिफला पाचन तंत्र को साफ रखने एवं विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है।
⚠ [b]नीमनीम के अर्क में प्राकृतिक संक्रमण रोधी गुण होते हैं, जो सूजन एवं ऑटोनॉमिक संतुलन में सुधार लाने में सहायक हो सकते हैं।
⚠ [b]योग एवं ध्याननियमित योग, ध्यान एवं प्राणायाम से मानसिक तनाव कम होता है एवं शरीर में ऊर्जा का संतुलन बना रहता है।
[b]रोकथाम के उपाय
⚠ [b]स्वस्थ जीवनशैली अपनाएंसंतुलित आहार, पर्याप्त नींद एवं नियमित व्यायाम से ऑटोनॉमिक संतुलन बेहतर रहता है।
⚠ [b]तनाव प्रबंधन करेंयोग, ध्यान एवं विश्राम के अभ्यास से मानसिक तनाव कम किया जा सकता है।
⚠ [b]पर्याप्त पानी पिएंदिन भर में पर्याप्त पानी पीने से शरीर में हाइड्रेशन बना रहता है, जिससे रक्त का प्रवाह संतुलित रहता है।
⚠ [b]नियमित चिकित्सकीय जांच कराएंयदि लक्षण प्रकट हों तो नियमित चिकित्सकीय जांच एवं विशेषज्ञ से परामर्श लेना आवश्यक है।
[b]निष्कर्षपोस्टुरल ऑर्थोस्टैटिक टैचीकार्डिया एक ऑटोनॉमिक विकार है जिसमें खड़े होते ही हृदय की धड़कन में अत्यधिक वृद्धि होती है, जिससे चक्कर, थकान एवं कभी-कभी बेहोशी के लक्षण प्रकट होते हैं। आधुनिक चिकित्सा द्वारा इसका उचित प्रबंधन आवश्यक है; साथ ही पूरक आयुर्वेदिक उपाय, जैसे अश्वगंधा, ब्राह्मी, त्रिफला, नीम एवं नियमित योग एवं ध्यान, से मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सकता है। संतुलित आहार, पर्याप्त पानी एवं नियमित चिकित्सकीय निगरानी से इस स्थिति के प्रभाव को नियंत्रित किया जा सकता है; यदि लक्षण बढ़ें तो तुरंत विशेषज्ञ से परामर्श करना अत्यंत आवश्यक है।

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