नीलगिरी (Eucalyptus) – परिचय, फायदे, उपयोग और नुकसान English Name: Eucalyptus (Eucalyptus globulus) परिचय नीलगिरी एक ऊँचा और मजबूत वृक्ष है, जिसे पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा में इसकी औषधीय गुणों के लिए महत्व दिया जाता है। इसके पत्तों से निकाला जाने वाला तेल एंटीसेप्टिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एन्टीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है, जिसका उपयोग श्वसन संबंधी विकार, दर्द, सूजन और त्वचा संबंधी समस्याओं के उपचार में किया जाता है। नीलगिरी का सुगंध तनाव कम करने और मानसिक शांति प्रदान करने में भी सहायक माना जाता है। नीलगिरी के फायदे ✔ श्वसन तंत्र में सुधार करता है – नीलगिरी का तेल खांसी, जुकाम और सांस लेने में होने वाली कठिनाइयों को दूर करने में मदद करता है। ✔ एंटीसेप्टिक गुण✔ [b]एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण✔ [b]मानसिक शांति प्रदान करता है✔ [b]एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर[b]नीलगिरी का उपयोग 🔹 नीलगिरी का तेल🔹 [b]भाप लेना🔹 [b]सौंदर्य उपचार🔹 [b]पर्यावरण संरक्षण[b]नीलगिरी के नुकसान और सावधानियाँ ⚠ अत्यधिक मात्रा में नीलगिरी के तेल का सेवन हानिकारक हो सकता है, अतः चिकित्सकीय सलाह के बिना इसका सेवन न करें। ⚠ छोटे बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को नीलगिरी तेल का सीधा उपयोग नहीं करना चाहिए। ⚠ त्वचा पर प्रयोग से पहले पैच टेस्ट करें, क्योंकि कुछ व्यक्तियों में एलर्जी हो सकती है। ⚠ दीर्घकालिक और अत्यधिक उपयोग से त्वचा में जलन या अन्य प्रतिक्रियाएँ हो सकती हैं, इसलिए संतुलित मात्रा में ही उपयोग करें। निष्कर्ष नीलगिरी एक बहुमुखी औषधीय वृक्ष है, जो श्वसन संबंधी विकार, सूजन और संक्रमण से लड़ने में अत्यंत लाभकारी होता है। इसके तेल और पत्तों के उपयोग से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्राप्त होती है। संतुलित मात्रा में और आवश्यक सावधानियों के साथ इसका उपयोग करने से अधिकतम लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं, जबकि संभावित दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है।