बान ओक (Banyan Tree) – परिचय, फायदे, उपयोग और नुकसान English Name: Banyan Tree (Ficus benghalensis) परिचय बान ओक, जिसे वैज्ञानिक नाम Ficus benghalensis से जाना जाता है, भारतीय संस्कृति और आयुर्वेद में एक पवित्र और औषधीय पेड़ के रूप में प्रसिद्ध है। इसे बरगद, वट वृक्ष या बरगद के पेड़ के नाम से भी पहचाना जाता है। यह पेड़ अपनी विशालकाय संरचना, हवाई जड़ों और लंबी आयु के लिए जाना जाता है। आयुर्वेद में इसकी छाल, पत्तियों, जड़ों और दूध (लेटेक्स) का उपयोग कई रोगों के उपचार में किया जाता है। साथ ही, यह पर्यावरण संरक्षण और पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बान ओक के फायदे ✔ पाचन स्वास्थ्य में सहायक✔ [b]मधुमेह नियंत्रण✔ [b]त्वचा रोगों में आराम✔ [b]सूजन और दर्द कम करना✔ [b]श्वसन स्वास्थ्य[b]बान ओक का उपयोग 🔹 आयुर्वेदिक उपचार🔹 [b]धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व🔹 [b]पर्यावरणीय योगदान[b]बान ओक के नुकसान और सावधानियाँ ⚠ लेटेक्स से एलर्जी⚠ [b]गर्भावस्था में सतर्कता⚠ [b]अधिक मात्रा में सेवन⚠ [b]दवाओं के साथ प्रतिक्रिया[b]निष्कर्ष बान ओक (Banyan Tree) भारतीय संस्कृति, आयुर्वेद और पर्यावरण के लिए एक अमूल्य संसाधन है। इसके औषधीय गुण पाचन, त्वचा और मधुमेह जैसी समस्याओं में लाभ पहुँचाते हैं। हालाँकि, इसके लेटेक्स या अर्क का उपयोग सावधानीपूर्वक और सीमित मात्रा में करना चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए इसका उपयोग करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक या डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।