भुजंगासन (Bhujangasana) - Cobra Pose परिचय भुजंगासन, जिसे अंग्रेजी में Cobra Pose कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण योग मुद्रा है जो रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाती है और शरीर के ऊपरी हिस्से को मजबूत करती है। यह आसन विशेष रूप से पीठ, कंधे और छाती को खोलता है, जिससे श्वसन प्रणाली में सुधार होता है। भुजंगासन का नाम भुजंग से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है साँप या नाग। यह आसन साँप की मुद्रा को दर्शाता है, जिसमें पीठ और छाती का विस्तार होता है। यह आसन मानसिक शांति और आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है। विधि 1️⃣ पेट के बल सीधे लेट जाएं और पैरों को एक साथ रखें। 2️⃣ हथेलियों को कंधों के नीचे रखें और कोहनियों को शरीर के पास रखें। 3️⃣ गहरी सांस लें और धीरे-धीरे कंधों और छाती को ऊपर उठाएं, जबकि कोहनियों को हल्का सा मोड़े रखें। 4️⃣ सिर को पीछे की ओर झुका कर छाती को खोलें और सांस को सामान्य रखें। 5️⃣ इस स्थिति में 15-30 सेकंड तक रहें और फिर धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में लौटें। लाभ ✅ रीढ़ की हड्डी और पीठ को लचीला बनाता है। ✅ छाती और कंधों को खोलता है और श्वसन प्रणाली में सुधार करता है। ✅ मानसिक शांति और आत्मविश्वास को बढ़ाता है। ✅ पाचन तंत्र को सक्रिय करता है और कब्ज की समस्या को दूर करता है। ✅ तनाव और चिंता को कम करता है। सावधानियां और निषेध 🚫 रीढ़ की हड्डी में चोट या समस्या होने पर इस आसन से बचें। 🚫 गर्भवती महिलाओं को यह आसन करने से पहले योग विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। 🚫 उच्च रक्तचाप या हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति इसे सावधानीपूर्वक करें। 🚫 अगर आपको गर्दन में दर्द हो तो यह आसन न करें। निष्कर्ष भुजंगासन (Cobra Pose) एक शक्तिशाली योग मुद्रा है जो शरीर की लचीलापन, मानसिक शांति और श्वसन क्षमता को बढ़ाती है। यह आसन पीठ, छाती और कंधों को मजबूत करता है, जिससे शारीरिक रूप से फिट और सक्रिय महसूस होता है। सही विधि और सावधानियों के साथ इसका अभ्यास करने से अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सकता है, जो शरीर और मन को संतुलित और स्वस्थ बनाए रखता है।