चतुरंगदण्डासन (Chaturangadandasana) - Four-Limbed Staff Pose परिचय चतुरंगदण्डासन, जिसे अंग्रेजी में Four-Limbed Staff Pose कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण योग आसन है जो शरीर की ताकत और सहनशक्ति को बढ़ाता है। यह आसन विशेष रूप से कंधे, हाथों और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है। चतुरंगदण्डासन का अभ्यास करते समय शरीर को पूरी तरह से संतुलित करना होता है, जिससे यह आसन मानसिक एकाग्रता और शारीरिक ताकत बढ़ाने में मदद करता है। यह आसन सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) के एक भाग के रूप में भी किया जाता है। विधि 1️⃣ पहले पुश-अप (Plank) की स्थिति में आएं, शरीर पूरी तरह से सीधा और संतुलित होना चाहिए। 2️⃣ हाथों को कंधे के नीचे रखें और कोहनियों को शरीर के पास रखें। 3️⃣ धीरे-धीरे अपने शरीर को नीचे की ओर लाकर चेस्ट को जमीन की तरफ लाएं, जबकि घुटनों और कूल्हों को ऊपर की ओर रखें। 4️⃣ शरीर को एक सीधी रेखा में रखें और कोहनी, हाथ और पैरों से संतुलन बनाए रखें। 5️⃣ इस स्थिति में कुछ सेकंड तक रहें और गहरी सांस लें। 6️⃣ फिर धीरे-धीरे पुश-अप करके इस स्थिति से बाहर निकलें और प्रारंभिक स्थिति में लौटें। लाभ ✅ कंधे, हाथ और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है। ✅ पूरे शरीर में ताकत और सहनशक्ति बढ़ाता है। ✅ शारीरिक संतुलन और मानसिक एकाग्रता को सुधारता है। ✅ शरीर को लचीला बनाता है और रीढ़ की हड्डी को मजबूती प्रदान करता है। ✅ तनाव को कम करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है। सावधानियां और निषेध 🚫 पीठ, कंधे या घुटनों में चोट होने पर इस आसन से बचें। 🚫 यदि आपको कंधे या कलाई में समस्या है, तो इस आसन को सावधानीपूर्वक करें। 🚫 गर्भवती महिलाओं को यह आसन करने से बचना चाहिए। 🚫 उच्च रक्तचाप या हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति इसे सावधानीपूर्वक करें। निष्कर्ष चतुरंगदण्डासन (Four-Limbed Staff Pose) एक शक्तिशाली और प्रभावी योगासन है जो शरीर की ताकत और संतुलन को बढ़ाता है। यह आसन विशेष रूप से कंधे, हाथ और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है। नियमित अभ्यास से शारीरिक और मानसिक दोनों ही पहलुओं में सुधार आता है। सही विधि और सावधानियों के साथ इस आसन का अभ्यास करने से अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सकता है।