कूर्मासन (Kurmasana) - Tortoise Pose परिचय कूर्मासन, जिसे अंग्रेजी में Tortoise Pose कहा जाता है, एक प्रभावशाली योग मुद्रा है जो शरीर और मन को गहराई से शांत करने में मदद करती है। इस आसन का नाम संस्कृत शब्द कूर्म (कछुआ) से लिया गया है, क्योंकि इसे करने पर शरीर कछुए के समान दिखाई देता है। यह आसन रीढ़, कूल्हों और पैरों को लचीला बनाने के साथ-साथ मानसिक शांति को बढ़ाने में सहायक है। विधि 1️⃣ समतल स्थान पर योगा मैट बिछाकर दंडासन में बैठें। 2️⃣ पैरों को थोड़ा फैलाएं और पीठ को सीधा रखें। 3️⃣ सांस लेते हुए दोनों हाथों को पैरों के बीच जमीन पर रखें। 4️⃣ धीरे-धीरे शरीर को आगे झुकाएं और हाथों को पैरों के नीचे से बाहर निकालें। 5️⃣ सिर को जमीन के करीब रखें और शरीर को पूरी तरह फैलाने का प्रयास करें। 6️⃣ इस स्थिति में 20-30 सेकंड तक रहें और गहरी सांस लें। 7️⃣ धीरे-धीरे वापस सामान्य स्थिति में आएं और विश्राम करें। लाभ ✅ रीढ़ की हड्डी को लचीला और मजबूत बनाता है। ✅ कूल्हों, पैरों और जांघों की मांसपेशियों को खोलता है। ✅ तनाव, चिंता और मानसिक थकान को कम करने में सहायक। ✅ पाचन तंत्र को सुधारता है और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है। ✅ शरीर में रक्त संचार को बढ़ाकर ऊर्जा का संचार करता है। सावधानियां और निषेध 🚫 जिन लोगों को पीठ, गर्दन या घुटनों में दर्द है, वे यह आसन न करें। 🚫 स्लिप डिस्क, साइटिका या हर्निया के रोगियों को इस आसन से बचना चाहिए। 🚫 गर्भवती महिलाओं को यह आसन करने से पहले चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। 🚫 अत्यधिक खिंचाव या दर्द महसूस होने पर तुरंत इस आसन को छोड़ दें। निष्कर्ष कूर्मासन (Tortoise Pose) शरीर की लचीलापन, मानसिक शांति और ऊर्जा संतुलन को बढ़ाने में सहायक है। यह विशेष रूप से रीढ़, कूल्हों और पैरों को मजबूत बनाने और पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करता है। नियमित अभ्यास और सही तकनीक से इस आसन को करने से शरीर और मन दोनों को लाभ मिलता है।