दूधिया घास (Euphorbia Hirta) परिचय दूधिया घास, जिसे वैज्ञानिक नाम Euphorbia Hirta से जाना जाता है, एक प्रसिद्ध औषधीय पौधा है जो खासतौर पर उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। यह पौधा छोटे हरे रंग के फूलों और दूधिया रस के लिए जाना जाता है। दूधिया घास का उपयोग आयुर्वेद में कई बीमारियों के उपचार के लिए किया जाता है। इसके औषधीय गुणों के कारण यह त्वचा रोगों, श्वसन समस्याओं और पाचन संबंधी समस्याओं में उपयोगी माना जाता है। फायदे ✔ श्वसन तंत्र को सुधारता है ✔ त्वचा रोगों का उपचार करता है ✔ पेट और आंतों की समस्याओं में राहत प्रदान करता है ✔ रक्त शुद्ध करने में सहायक ✔ गठिया और जोड़ों के दर्द में राहत प्रदान करता है ✔ इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है ✔ बुखार और सर्दी-खांसी में सहायक उपयोग ✔ दूधिया घास का रस सर्दी और खांसी में लाभकारी होता है ✔ इसके पत्तों का सेवन पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है ✔ त्वचा पर दूधिया घास का लेप मुंहासे और खुजली में लाभ पहुंचाता है ✔ दूधिया घास के काढ़े का सेवन बुखार में राहत देता है ✔ गठिया और जोड़ो के दर्द में इसके पत्तों का लेप मददगार होता है नुकसान ⚠ अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट में गैस या जलन हो सकती है ⚠ गर्भवती महिलाओं को बिना चिकित्सकीय सलाह के इसका सेवन नहीं करना चाहिए ⚠ अधिक सेवन से त्वचा पर रैशेज या एलर्जी हो सकती है ⚠ कुछ लोगों को दूधिया घास से एलर्जी हो सकती है, इसलिए पहले कम मात्रा में इसका उपयोग करें निष्कर्ष दूधिया घास (Euphorbia Hirta) एक शक्तिशाली औषधीय पौधा है जो श्वसन समस्याओं, त्वचा रोगों और पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में सहायक है। इसके नियमित उपयोग से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और कई सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं से राहत मिलती है। हालांकि, इसका अत्यधिक सेवन दुष्प्रभाव उत्पन्न कर सकता है, इसलिए इसे संतुलित मात्रा में और विशेषज्ञ की सलाह से ही प्रयोग करना चाहिए।