सना (Indian Senna) परिचय सना, जिसे भारतीय सिन्ना भी कहा जाता है, एक औषधीय पौधा है जिसका वैज्ञानिक नाम Cassia angustifolia है। यह पौधा मुख्य रूप से भारत, अफ्रीका और मध्य पूर्व के क्षेत्रों में पाया जाता है। सना के पत्ते और बीज आयुर्वेद में शरीर को साफ करने, कब्ज, पेट की समस्याओं और त्वचा रोगों के उपचार में उपयोगी माने जाते हैं। इसका उपयोग हल्के से लेकर गंभीर कब्ज तक के इलाज में किया जाता है। फायदे ✔ कब्ज की समस्या में राहत देता है ✔ पाचन तंत्र को मजबूत करता है ✔ शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक ✔ त्वचा की समस्याओं में उपयोगी ✔ वजन घटाने में सहायक ✔ जिगर की कार्यप्रणाली को सुधारता है उपयोग ✔ सना की पत्तियों का काढ़ा कब्ज और पाचन संबंधी समस्याओं में सहायक होता है ✔ सना के बीजों का उपयोग शरीर को डिटॉक्स करने में किया जाता है ✔ सना का अर्क त्वचा रोगों और घावों में आराम देने के लिए उपयोग किया जाता है ✔ सना के पत्तों का रस शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होता है ✔ इसका सेवन वजन घटाने में मदद करता है नुकसान ⚠ सना का अत्यधिक सेवन दस्त और पेट में ऐंठन उत्पन्न कर सकता है ⚠ गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए ⚠ इसका अधिक सेवन हाइपोकेल्शीमिया और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन का कारण बन सकता है ⚠ लंबे समय तक इसके सेवन से शरीर में निर्जलीकरण हो सकता है निष्कर्ष सना (Indian Senna) एक प्रभावी औषधीय पौधा है, जो कब्ज, पाचन समस्याओं और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होता है। इसके नियमित और संतुलित उपयोग से शरीर को लाभ होता है। हालांकि, इसका अत्यधिक सेवन दुष्प्रभाव उत्पन्न कर सकता है, इसलिए इसे चिकित्सकीय सलाह से और सीमित मात्रा में उपयोग करना चाहिए।