पायोरिया (Phyorrhoea) - मसूड़ों में पीप पड़ने के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक इलाज
पायोरिया (Phyorrhoea) मसूड़ों की एक गंभीर समस्या है, जिसमें मसूड़ों से खून, मवाद (पीप) और बदबूदार द्रव निकलता है। यह मुख्य रूप से खराब मौखिक स्वच्छता, बैक्टीरियल संक्रमण और गलत खान-पान के कारण होता है। यदि समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो यह दांतों की जड़ों को कमजोर कर सकता है और दांत गिरने की नौबत आ सकती है। इस लेख में हम पायोरिया के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
पायोरिया के कारण (Causes of Pyorrhoea)
गलत ओरल हाइजीन (Poor Oral Hygiene)
- ब्रश न करने या ठीक से मुँह साफ न करने से बैक्टीरिया पनपने लगते हैं।
अत्यधिक मीठा और जंक फूड (Excess Sugar & Junk Food)
- ज्यादा मीठा और तैलीय चीजें खाने से दांतों और मसूड़ों पर बैक्टीरिया जम जाते हैं।
पाचन तंत्र की गड़बड़ी (Digestive Issues)
- कब्ज़, एसिडिटी और पाचन खराब होने से मसूड़ों पर असर पड़ सकता है।
धूम्रपान और तंबाकू (Smoking & Tobacco)
- सिगरेट, गुटखा और तंबाकू का सेवन मसूड़ों की सेहत को खराब कर सकता है।
विटामिन C की कमी (Vitamin C Deficiency)
- शरीर में विटामिन C की कमी से मसूड़े कमजोर हो जाते हैं और उनमें संक्रमण हो सकता है।
पायोरिया के लक्षण (Symptoms of Pyorrhoea)
मसूड़ों से खून आना (Bleeding Gums)
- हल्के ब्रश करने या कुछ खाने पर मसूड़ों से खून निकल सकता है।
मसूड़ों में सूजन और दर्द (Swelling & Pain in Gums)
- मसूड़े लाल और सूजे हुए दिख सकते हैं, जिनमें दर्द और जलन हो सकती है।
मुँह से दुर्गंध (Bad Breath)
- मसूड़ों में संक्रमण के कारण मुँह से बदबू आने लगती है।
दांतों का हिलना (Loose Teeth)
- मसूड़े कमजोर होने पर दांत अपनी जगह से हिलने लगते हैं।
पीप और पस निकलना (Pus Discharge)
- मसूड़ों से मवाद या पस आ सकता है, जिससे असहजता महसूस होती है।
पायोरिया का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic Treatment for Pyorrhoea)
नीम की दातुन (Neem Stick for Brushing)
- रोज़ सुबह नीम की दातुन करने से बैक्टीरिया खत्म होते हैं और मसूड़े मजबूत बनते हैं।
सरसों का तेल और नमक (Mustard Oil & Salt Massage)
- एक चुटकी नमक में दो बूंद सरसों का तेल मिलाकर मसूड़ों की मालिश करने से सूजन कम होती है।
हल्दी और शहद (Turmeric & Honey Paste)
- हल्दी और शहद मिलाकर मसूड़ों पर लगाने से संक्रमण जल्दी ठीक होता है।
तुलसी और लौंग का उपयोग (Basil & Clove Remedy)
- तुलसी के पत्ते चबाने और लौंग का तेल लगाने से मसूड़ों का दर्द और सूजन कम होती है।
गुनगुने पानी से कुल्ला (Warm Water Rinse)
- हल्के गर्म पानी में सेंधा नमक डालकर कुल्ला करने से मसूड़ों को राहत मिलती है।
त्रिफला का उपयोग (Triphala for Oral Care)
- त्रिफला पाउडर से कुल्ला करने से बैक्टीरिया नष्ट होते हैं और मसूड़ों की सफाई होती है।
पायोरिया से बचाव के उपाय (Prevention Tips for Pyorrhoea)
⚠ रोज़ाना सही तरीके से ब्रश करें और मुँह की सफाई रखें।
⚠ तंबाकू, धूम्रपान और अधिक मीठे खाद्य पदार्थों से बचें।
⚠ पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के लिए फाइबर युक्त आहार लें।
⚠ विटामिन C युक्त आंवला, नींबू और संतरा जैसी चीजें आहार में शामिल करें।
⚠ नियमित रूप से मसूड़ों की देखभाल करें और साल में एक बार डेंटिस्ट से चेकअप करवाएँ।
निष्कर्ष (Conclusion)
पायोरिया एक गंभीर दंत समस्या है, जिसे सही ओरल हाइजीन और आयुर्वेदिक उपायों से नियंत्रित किया जा सकता है। यदि लक्षण ज्यादा बढ़ जाएँ, तो तुरंत डेंटिस्ट से परामर्श लें। मसूड़ों को स्वस्थ रखने के लिए प्राकृतिक तरीकों को अपनाएँ और दांतों की सही देखभाल करें।

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