गटटे, कोर्न्स, आटन, गोरखूल (Corns) - कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार
गटटे या कोर्न्स त्वचा पर होने वाले कठोर, मोटे और दर्दनाक उभार होते हैं, जो आमतौर पर पैरों या हाथों में लगातार घर्षण या दबाव के कारण बनते हैं। इन्हें आटन या गोरखूल भी कहा जाता है। यह समस्या उन लोगों में अधिक देखी जाती है जो कड़े जूते पहनते हैं, नंगे पैर चलते हैं या अधिक चलने-फिरने का कार्य करते हैं। यदि समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो कोर्न्स में दर्द और जलन बढ़ सकती है। इस लेख में हम गटटे, कोर्न्स, आटन और गोरखूल के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
कोर्न्स होने के कारण (Causes of Corns)
लगातार घर्षण और दबाव (Friction and Pressure)
- तंग या कड़े जूते पहनने से पैरों पर दबाव बढ़ता है, जिससे कोर्न्स बनते हैं।
नंगे पैर चलना (Walking Barefoot)
- कठोर सतहों पर नंगे पैर चलने से त्वचा मोटी हो जाती है और गटटे बनने लगते हैं।
असमान रूप से वजन डालना (Uneven Weight Distribution)
- यदि चलने के दौरान शरीर का वजन असमान रूप से किसी एक हिस्से पर पड़ता है, तो वहां कोर्न्स बनने की संभावना अधिक होती है।
अत्यधिक शारीरिक परिश्रम (Excessive Physical Activity)
- लंबे समय तक दौड़ने, पैदल चलने या भारी श्रम करने से पैरों की त्वचा पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे यह समस्या हो सकती है।
गलत प्रकार के जूते या चप्पल पहनना (Improper Footwear)
- सख्त और बिना कुशन वाले जूते पहनने से पैर की त्वचा पर दबाव बढ़ता है, जिससे कोर्न्स बन सकते हैं।
कोर्न्स के लक्षण (Symptoms of Corns)
त्वचा का मोटा और कठोर हो जाना (Thick and Hardened Skin)
- प्रभावित क्षेत्र पर त्वचा मोटी, सख्त और खुरदरी हो जाती है।
दर्द और जलन (Pain and Burning Sensation)
- चलने, दबाव पड़ने या छूने पर दर्द और जलन महसूस हो सकती है।
पीले या सफेद रंग का सख्त उभार (Hard Yellow or White Bump)
- यह उभार छोटे-छोटे गोलाकार हो सकते हैं और हल्के से गहरे पीले रंग के दिखते हैं।
चलने या जूते पहनने में परेशानी (Difficulty in Walking or Wearing Shoes)
- यदि कोर्न्स पैरों पर हों, तो जूते पहनना कठिन हो सकता है और चलते समय असहजता महसूस हो सकती है।
कोर्न्स का आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic Treatment for Corns)
नींबू का रस और लहसुन (Lemon Juice and Garlic)
- नींबू का रस और लहसुन मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाने से कोर्न्स धीरे-धीरे मुलायम होकर खत्म हो सकते हैं।
अलसी का तेल (Linseed Oil)
- अलसी के तेल से मालिश करने से त्वचा कोमल होती है और कोर्न्स का दर्द कम होता है।
अरंडी का तेल (Castor Oil)
- अरंडी का तेल लगाने से कोर्न्स धीरे-धीरे गलने लगते हैं।
हल्दी और सरसों तेल (Turmeric and Mustard Oil)
- हल्दी को सरसों के तेल में मिलाकर लगाने से संक्रमण से बचाव होता है और सूजन कम होती है।
एलोवेरा जेल (Aloe Vera Gel)
- एलोवेरा कोर्न्स को नरम करता है और त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
नीम और तुलसी का पेस्ट (Neem and Tulsi Paste)
- नीम और तुलसी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो कोर्न्स को ठीक करने में सहायक होते हैं।
गर्म पानी और सेंधा नमक (Warm Water and Rock Salt)
- पैरों को गर्म पानी में सेंधा नमक डालकर डुबोने से त्वचा मुलायम होती है और कोर्न्स जल्दी ठीक होते हैं।
कोर्न्स से बचाव के उपाय (Prevention Tips for Corns)
⚠ आरामदायक और सही फिटिंग वाले जूते पहनें।
⚠ नंगे पैर चलने से बचें, खासकर कठोर सतहों पर।
⚠ पैरों को नियमित रूप से मॉइस्चराइज़ करें ताकि त्वचा सूखी न हो।
⚠ यदि कोर्न्स बड़े हो जाएं या दर्द बढ़ जाए, तो डॉक्टर से सलाह लें।
निष्कर्ष (Conclusion)
गटटे, कोर्न्स, आटन और गोरखूल सामान्य रूप से पैर या हाथों पर होने वाले कठोर उभार होते हैं, जो लगातार दबाव और घर्षण के कारण बनते हैं। आयुर्वेदिक उपचार और घरेलू उपायों से इन्हें ठीक किया जा सकता है, लेकिन यदि समस्या गंभीर हो जाए, तो चिकित्सीय परामर्श आवश्यक है।

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