शलभासन (Salabhasana) - Locust Pose परिचय शलभासन, जिसे अंग्रेजी में Locust Pose कहा जाता है, एक प्रभावी योग मुद्रा है जो शरीर को मजबूत और लचीला बनाने में सहायक है। यह आसन मुख्य रूप से पीठ, पेट और कूल्हों को सशक्त करने के लिए किया जाता है। नियमित अभ्यास से रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है और पाचन क्रिया में सुधार होता है। विधि 1️⃣ योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं और हाथों को शरीर के बगल में रखें। 2️⃣ ठोड़ी को जमीन से सटाएं और दोनों पैरों को एक साथ रखें। 3️⃣ गहरी सांस लें और दोनों पैरों, छाती और हाथों को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं। 4️⃣ शरीर का भार पेट पर बनाए रखें और कुछ सेकंड के लिए इस स्थिति में रुकें। 5️⃣ धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में वापस आएं और विश्राम करें। 6️⃣ इस प्रक्रिया को 3-5 बार दोहराएं। लाभ ✅ पीठ, कंधों और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है। ✅ रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है। ✅ पाचन क्रिया में सुधार करता है और कब्ज की समस्या को दूर करता है। ✅ कूल्हों और पैरों की ताकत बढ़ाता है। ✅ शरीर के रक्त संचार को उत्तेजित करता है। सावधानियां और निषेध 🚫 पीठ या रीढ़ की हड्डी में गंभीर समस्या होने पर इस आसन से बचें। 🚫 गर्भवती महिलाओं को यह आसन नहीं करना चाहिए। 🚫 उच्च रक्तचाप या हृदय रोग से पीड़ित लोग इस आसन को करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें। 🚫 इस आसन को खाली पेट और सही मार्गदर्शन में करना चाहिए। निष्कर्ष शलभासन (Locust Pose) एक उत्तम योग मुद्रा है जो शरीर की ताकत और लचीलापन बढ़ाने में सहायक है। यह विशेष रूप से पीठ दर्द, पाचन समस्याओं और कूल्हों की जकड़न को दूर करने के लिए प्रभावी है। नियमित अभ्यास से शरीर को ऊर्जा मिलती है और संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार होता है।