भ्रमि (Vertigo) – चक्कर आने के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार
भ्रमि, जिसे वर्टिगो कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को चक्कर आने का अनुभव होता है और संतुलन बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। यह समस्या कान, मस्तिष्क या तंत्रिका तंत्र से जुड़ी हो सकती है। कुछ लोगों को यह समस्या अचानक होती है, जबकि कुछ को बार-बार चक्कर आते हैं। इस लेख में हम भ्रमि के कारण, लक्षण, जाँच और आयुर्वेदिक उपचारों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
भ्रमि (Vertigo) के कारण
भीतरी कान की समस्या (Inner Ear Disorders)
- कान के अंदर मौजूद वेस्टिबुलर सिस्टम संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। इसमें गड़बड़ी होने से चक्कर आ सकते हैं।
बीपीपीवी (Benign Paroxysmal Positional Vertigo - BPPV)
- यह तब होता है जब कान के अंदर कैल्शियम के छोटे-छोटे कण इधर-उधर खिसक जाते हैं और संतुलन प्रभावित करते हैं।
मेनियर रोग (Meniere’s Disease)
- इसमें कान के अंदर द्रव (Fluid) की असामान्य वृद्धि होती है, जिससे चक्कर आना, कान में घंटी बजना और सुनाई न देना जैसी समस्याएँ होती हैं।
तंत्रिका तंत्र की समस्या (Nervous System Disorders)
- माइग्रेन, न्यूरोलॉजिकल रोग, या ब्रेन ट्यूमर जैसी समस्याएँ भी भ्रमि का कारण बन सकती हैं।
लो ब्लड प्रेशर (Low Blood Pressure)
- अचानक बीपी गिरने से मस्तिष्क में रक्त संचार कम हो जाता है, जिससे चक्कर आ सकते हैं।
एनीमिया (Anemia)
- शरीर में आयरन की कमी होने से चक्कर, कमजोरी और थकान महसूस हो सकती है।
डिहाइड्रेशन और कमजोरी (Dehydration & Weakness)
- शरीर में पानी और पोषक तत्वों की कमी होने से भी संतुलन बिगड़ सकता है।
भ्रमि (Vertigo) के लक्षण
⚠ सिर हल्का महसूस होना या घूमता हुआ लगना।
⚠ संतुलन खोना और खड़े रहने में कठिनाई।
⚠ मतली या उल्टी आना।
⚠ कानों में घंटी बजना (Tinnitus) और सुनने में परेशानी।
⚠ आँखों के सामने अंधेरा छा जाना।
⚠ कमजोरी और थकावट महसूस होना।
भ्रमि (Vertigo) की जाँच (Diagnosis)
ईएनटी जाँच (ENT Examination) – कान और संतुलन प्रणाली की जाँच।
एमआरआई / सीटी स्कैन (MRI/CT Scan) – मस्तिष्क और नसों की जाँच।
ब्लड टेस्ट (Blood Test) – एनीमिया या अन्य कारणों का पता लगाने के लिए।
ब्लड प्रेशर मापन (Blood Pressure Check) – लो बीपी के कारण चक्कर आ रहे हैं या नहीं, यह जाँचने के लिए।
भ्रमि (Vertigo) का आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार
ब्रह्मी और शंखपुष्पी (Brahmi & Shankhpushpi)
- ये जड़ी-बूटियाँ मस्तिष्क की शक्ति बढ़ाकर चक्कर आने की समस्या को कम करती हैं।
अदरक का सेवन (Ginger for Vertigo)
- अदरक का रस पीने या चाय में डालकर सेवन करने से चक्कर की समस्या में राहत मिलती है।
गिलोय (Giloy)
- गिलोय की जड़ का काढ़ा बनाकर पीने से तंत्रिका तंत्र मजबूत होता है।
नींबू और शहद (Lemon & Honey)
- एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू और शहद मिलाकर पीने से चक्कर आना कम होता है।
त्रिफला चूर्ण (Triphala Powder)
- रात को गुनगुने पानी के साथ त्रिफला चूर्ण लेने से चक्कर आने में लाभ मिलता है।
ध्यान और योग (Meditation & Yoga)
- प्राणायाम, शवासन और अनुलोम-विलोम करने से शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ती है, जिससे भ्रमि में राहत मिलती है।
भ्रमि (Vertigo) से बचाव के उपाय
⚠ पर्याप्त पानी पिएँ और हाइड्रेटेड रहें।
⚠ संतुलित और पौष्टिक आहार लें।
⚠ अचानक झटके से सिर न घुमाएँ और धीरे-धीरे उठें।
⚠ ज्यादा तैलीय और मसालेदार भोजन से बचें।
⚠ अत्यधिक कैफीन और शराब का सेवन न करें।
⚠ रोज़ाना हल्का व्यायाम और योग करें।
निष्कर्ष (Conclusion)
भ्रमि यानी चक्कर आना किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है, इसलिए इसे नजरअंदाज न करें। यदि चक्कर बार-बार आते हैं या लंबे समय तक बने रहते हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लें। आयुर्वेदिक और घरेलू उपायों को अपनाकर इस समस्या से काफी हद तक राहत पाई जा सकती है।

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