समकोणासन (Samakonasana) - Right Angle Pose
परिचय
समकोणासन, जिसे अंग्रेजी में Right Angle Pose कहा जाता है, एक अत्यंत लाभकारी योग मुद्रा है जो मुख्य रूप से पैरों, कूल्हों और रीढ़ की हड्डी को लचीला और मजबूत बनाती है। इस आसन के अभ्यास से शरीर संतुलित रहता है और पैरों की मांसपेशियां सक्रिय होती हैं। यह विशेष रूप से नृत्य, जिम्नास्टिक्स और मार्शल आर्ट्स करने वालों के लिए उपयोगी माना जाता है।
विधि
1️⃣ समतल भूमि पर सीधे खड़े हो जाएं और पैरों को धीरे-धीरे फैलाएं।
2️⃣ दोनों पैरों के बीच 180° का कोण बनाने का प्रयास करें।
3️⃣ रीढ़ को सीधा रखते हुए हाथों को ऊपर उठाएं या जंघाओं पर रखें।
4️⃣ शरीर का संतुलन बनाए रखें और सामान्य गति से श्वास लें।
5️⃣ इस स्थिति में 30-60 सेकंड तक रुकें, फिर धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में लौटें।
6️⃣ अभ्यास को 3-5 बार दोहराएं।
लाभ
✅ कूल्हों और पैरों की मांसपेशियों को मजबूत और लचीला बनाता है।
✅ रीढ़ की हड्डी को लचीला करता है और शरीर का संतुलन सुधारता है।
✅ रक्त संचार को उत्तेजित करता है और पाचन तंत्र को सक्रिय करता है।
✅ शरीर को फुर्तीला बनाता है और शारीरिक मुद्रा में सुधार करता है।
✅ मानसिक स्थिरता और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ाता है।
सावधानियां और निषेध
🚫 अधिक जकड़न या मांसपेशियों में खिंचाव की समस्या हो तो इस आसन को धीरे-धीरे करें।
🚫 घुटनों, कूल्हों या रीढ़ में गंभीर चोट या समस्या होने पर इसे न करें।
🚫 हाई ब्लड प्रेशर या चक्कर आने की समस्या हो तो पहले विशेषज्ञ से परामर्श लें।
🚫 इस आसन को बिना वार्मअप किए न करें, अन्यथा चोट लग सकती है।
निष्कर्ष
समकोणासन (Right Angle Pose) शरीर को लचीला और संतुलित बनाने के लिए एक प्रभावी योग मुद्रा है। इसका नियमित अभ्यास पैरों, कूल्हों और रीढ़ की हड्डी को सशक्त बनाता है और शरीर में ऊर्जा का संचार करता है। हालांकि, इसे करते समय उचित सावधानी बरतनी चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की मांसपेशीय चोट से बचा जा सके।

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