हाइपोथर्मिया (Hypothermia) - शरीर का तापमान कम हो जाना
हाइपोथर्मिया एक गंभीर स्थिति है, जिसमें शरीर का तापमान सामान्य से अधिक गिर जाता है, जिससे शारीरिक क्रियाएँ धीमी पड़ने लगती हैं। यह आमतौर पर अत्यधिक ठंडे वातावरण में अधिक समय तक रहने, गीले कपड़े पहनने, ठंडे पानी में गिरने या उचित गरमी न मिलने के कारण हो सकता है। यदि समय पर इलाज न किया जाए, तो यह घातक भी हो सकता है।
हाइपोथर्मिया के कारण
अत्यधिक ठंड में रहना – बर्फीले या बहुत ठंडे मौसम में अधिक समय बिताने से शरीर का तापमान गिर सकता है।
गीले कपड़ों में रहना – भीगे कपड़े शरीर की गर्मी को तेजी से कम करते हैं, जिससे हाइपोथर्मिया हो सकता है।
ठंडे पानी में गिरना – अधिक समय तक ठंडे पानी में रहने से शरीर का तापमान तेजी से गिर सकता है।
कम ऊष्मा उत्पादन – बुजुर्गों, बच्चों और कमज़ोर प्रतिरक्षा तंत्र वाले लोगों में शरीर की गर्मी बनाए रखने की क्षमता कम होती है।
मौसमी सुरक्षा का अभाव – पर्याप्त गर्म कपड़े न पहनना या शरीर को गरम रखने के उचित उपाय न करना भी हाइपोथर्मिया का कारण बन सकता है।
अत्यधिक शराब या नशे का सेवन – नशे की स्थिति में शरीर की गर्मी बनाए रखने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे ठंड का असर बढ़ जाता है।
हाइपोथर्मिया के लक्षण
शरीर का तापमान 35°C से कम हो जाना – सामान्य शरीर का तापमान लगभग 37°C होता है, लेकिन हाइपोथर्मिया में यह 35°C या उससे कम हो जाता है।
कांपना (Shivering) – ठंड के कारण शरीर कांपने लगता है, जो शरीर की प्राकृतिक प्रतिक्रिया होती है।
थकान और कमजोरी – ऊर्जा की कमी के कारण व्यक्ति अत्यधिक सुस्त और कमजोर महसूस करता है।
सांस धीमी और कमजोर होना – गंभीर हाइपोथर्मिया में सांस और हृदय की गति धीमी पड़ सकती है।
भ्रम और बोलने में कठिनाई – शरीर का तापमान गिरने से मानसिक भ्रम, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई और अस्पष्ट बोलने की समस्या हो सकती है।
त्वचा ठंडी और निळी पड़ जाना – शरीर की गर्मी कम होने से त्वचा ठंडी, पीली या नीली दिखने लगती है।
अचेत हो जाना – गंभीर हाइपोथर्मिया में व्यक्ति बेहोश हो सकता है, जिससे जान का खतरा बढ़ जाता है।
हाइपोथर्मिया का प्राथमिक उपचार
व्यक्ति को गरम स्थान पर ले जाएं – ठंडी जगह से तुरंत हटाकर किसी गरम और सुरक्षित स्थान पर रखें।
गीले कपड़े बदलें – यदि व्यक्ति के कपड़े गीले हैं, तो उन्हें तुरंत बदलकर सूखे और गरम कपड़े पहनाएं।
गर्म पेय दें – हल्का गर्म पानी, अदरक की चाय या सूप दें, लेकिन शराब या कैफीन न दें, क्योंकि ये शरीर की गर्मी को और कम कर सकते हैं।
कंबल में लपेटें – व्यक्ति को गरम कंबल में लपेटकर शरीर की गर्मी बनाए रखें।
हीटिंग पैड या गरम पानी की बोतल का उपयोग करें – गर्दन, छाती और पेट के पास गरम पानी की बोतल रखें, लेकिन सीधे त्वचा पर न लगाएं।
यदि सांस रुक जाए तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें – यदि व्यक्ति अचेत हो जाए या सांस न ले, तो तुरंत डॉक्टर को बुलाएँ और प्राथमिक चिकित्सा दें।
हाइपोथर्मिया से बचाव के उपाय
⚠ बहुत ठंडे मौसम में अधिक समय न बिताएं और गर्म कपड़े पहनें।
⚠ ऊनी कपड़े, दस्ताने, टोपी और मोजे का प्रयोग करें।
⚠ गीले कपड़े तुरंत बदलें और शरीर को सूखा रखें।
⚠ ठंडे पानी में अधिक समय तक रहने से बचें।
⚠ पर्याप्त भोजन और गर्म पेय का सेवन करें।
⚠ शराब और नशे के सेवन से बचें, क्योंकि यह शरीर की गर्मी कम करता है।
निष्कर्ष
हाइपोथर्मिया एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो समय पर उपचार न मिलने पर जानलेवा भी हो सकती है। सही बचाव और प्राथमिक उपचार के ज़रिए इस समस्या से बचा जा सकता है। यदि शरीर का तापमान अत्यधिक गिर जाए, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें और व्यक्ति को गरम रखने के उपाय करें।

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