हीट स्ट्रोक (Heat Stroke) - लू लगना हीट स्ट्रोक अत्यधिक गर्मी के कारण होने वाली एक गंभीर स्थिति है, जिसमें शरीर का तापमान अत्यधिक बढ़ जाता है और पसीना आना बंद हो जाता है। यह तब होता है जब शरीर की ठंडा रहने की क्षमता काम नहीं करती और शरीर का तापमान 40°C या उससे अधिक हो जाता है। यदि इसका समय पर इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा भी हो सकता है। हीट स्ट्रोक के कारण ⚠ अत्यधिक गर्मी और उमस – बहुत अधिक गर्म और नमी वाली जलवायु में रहने से शरीर का तापमान बढ़ सकता है। ⚠ लंबे समय तक धूप में रहना – तेज धूप में अधिक समय तक रहने से शरीर में पानी और नमक की कमी हो जाती है। ⚠ पर्याप्त पानी न पीना – शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) से शरीर ठंडा नहीं रह पाता और हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। ⚠ गर्मी में भारी कपड़े पहनना – ऐसे कपड़े जो शरीर को सांस लेने का मौका नहीं देते, शरीर के तापमान को बढ़ा सकते हैं। ⚠ अत्यधिक शारीरिक परिश्रम – गर्मी में ज़्यादा परिश्रम करने से शरीर का तापमान बढ़ सकता है। ⚠ शराब या कैफीन का सेवन – ये शरीर की पानी की मात्रा को कम कर सकते हैं, जिससे डिहाइड्रेशन होता है। हीट स्ट्रोक के लक्षण ⚠ शरीर का तापमान 40°C या उससे अधिक हो जाना – यह हीट स्ट्रोक का मुख्य लक्षण है। ⚠ पसीना आना बंद हो जाना – शरीर ठंडा करने के लिए पसीना बनाना बंद कर देता है, जिससे त्वचा सूखी और गर्म महसूस होती है। ⚠ चक्कर आना और बेहोशी – व्यक्ति को चक्कर आ सकते हैं, कमजोरी महसूस हो सकती है और वह बेहोश भी हो सकता है। ⚠ सांस और हृदय गति तेज हो जाना – शरीर का तापमान बढ़ने से सांस और दिल की धड़कन तेज हो जाती है। ⚠ मांसपेशियों में कमजोरी और ऐंठन – शरीर में पानी और नमक की कमी से मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है। ⚠ मानसिक भ्रम और बोलने में कठिनाई – व्यक्ति को चीज़ें समझने में परेशानी हो सकती है और उसकी बात अस्पष्ट हो सकती है। ⚠ त्वचा लाल और सूखी हो जाना – लू लगने के बाद त्वचा पर पसीना नहीं आता और वह लाल व गरम हो जाती है। हीट स्ट्रोक का प्राथमिक उपचार ⚠ व्यक्ति को छायादार या ठंडी जगह पर ले जाएं – उसे सीधा धूप से हटाकर किसी ठंडी जगह पर रखें। ⚠ कपड़े ढीले करें और ठंडे पानी से शरीर को ठंडा करें – कपड़े हटा दें और शरीर पर ठंडे पानी के छींटे डालें या गीला तौलिया रखें। ⚠ ठंडी हवा का प्रवाह दें – पंखे, कूलर या एसी की मदद से व्यक्ति के शरीर को ठंडा करें। ⚠ गर्म पेय पदार्थ और शराब न दें – केवल ठंडा पानी या ओआरएस का घोल दें। ⚠ यदि व्यक्ति बेहोश हो तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें – किसी भी हालत में हीट स्ट्रोक को हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। हीट स्ट्रोक से बचाव के उपाय ⚠ तेज धूप में जाने से बचें और सिर को टोपी या छाते से ढककर रखें। ⚠ दिन में अधिक मात्रा में पानी और ओआरएस घोल पीएं। ⚠ हल्के और सूती कपड़े पहनें, जिससे शरीर ठंडा रह सके। ⚠ अधिक गर्मी में शारीरिक परिश्रम करने से बचें। ⚠ ज्यादा देर तक गाड़ी में बंद न बैठें, खासकर दोपहर के समय। ⚠ गर्मी में शराब, कैफीन और अधिक मसालेदार भोजन से बचें। निष्कर्ष हीट स्ट्रोक एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसे अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है। उचित देखभाल, बचाव के उपाय और सही समय पर चिकित्सा सहायता से इस समस्या को टाला जा सकता है। गर्मी के दिनों में सावधानी बरतें और शरीर को ठंडा रखने के उपाय करें।