हिमदाह (Frost Bite) - अत्यधिक ठंड से त्वचा का जम जाना हिमदाह एक गंभीर अवस्था है, जो अत्यधिक ठंड और बर्फीली हवाओं के संपर्क में रहने से होती है। इसमें शरीर के बाहरी हिस्से, विशेष रूप से उंगलियां, पैर की उंगलियां, नाक, कान और गाल जम जाते हैं और ऊतक क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। यदि समय पर इलाज न किया जाए, तो प्रभावित अंगों को स्थायी रूप से नुकसान हो सकता है। हिमदाह के कारण ⚠ अत्यधिक ठंड और ठंडी हवाएं – माइनस तापमान में लंबे समय तक रहना। ⚠ गीले कपड़े पहनना – ठंडे और गीले कपड़ों से शरीर की गर्मी तेजी से कम हो जाती है। ⚠ बिना सुरक्षा के ठंडी जगह पर रहना – हाथों, पैरों और चेहरे को खुला छोड़ना। ⚠ रक्त संचार में कमी – ठंड में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है। ⚠ कम ऊर्जा स्तर – पर्याप्त भोजन और गर्म पेय न लेना। ⚠ शराब या निकोटीन का सेवन – ये रक्त प्रवाह को धीमा कर सकते हैं, जिससे शरीर जल्दी ठंडा होता है। हिमदाह के लक्षण ⚠ त्वचा सुन्न हो जाना – ठंड से प्रभावित हिस्से में संवेदनशीलता कम हो जाती है। ⚠ त्वचा का लाल या सफेद पड़ जाना – पहले त्वचा लाल होती है, फिर सफेद या पीली हो सकती है। ⚠ त्वचा का कठोर और बेजान महसूस होना – बर्फ जमने के कारण ऊतक सख्त हो जाते हैं। ⚠ झुनझुनी और जलन – प्रभावित हिस्से में झनझनाहट और चुभन महसूस हो सकती है। ⚠ फफोले पड़ना – गंभीर मामलों में त्वचा पर फफोले बन सकते हैं। ⚠ त्वचा का काला पड़ना – ऊतक पूरी तरह मर जाने पर त्वचा काली हो सकती है। हिमदाह का प्राथमिक उपचार ⚠ व्यक्ति को गर्म स्थान पर ले जाएं – तुरंत ठंडी जगह से हटाकर गर्म स्थान पर रखें। ⚠ गर्म कपड़े पहनाएं और कंबल से ढकें – शरीर की गर्मी बनाए रखने के लिए। ⚠ गुनगुने पानी में प्रभावित अंग डालें – 37°C से 42°C तक के गुनगुने पानी में धीरे-धीरे सेक करें। ⚠ गर्म पेय दें – शरीर के अंदर से गर्मी बनाए रखने के लिए गर्म चाय, दूध या सूप दें। ⚠ डायरेक्ट हीट न दें – प्रभावित हिस्से को आग, हीटर या गर्म पानी की बोतल से गर्म न करें, इससे ऊतक और खराब हो सकते हैं। ⚠ मालिश न करें – प्रभावित हिस्से को मलने या रगड़ने से नुकसान हो सकता है। ⚠ अगर त्वचा काली पड़ने लगे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। हिमदाह से बचाव के उपाय ⚠ ठंड में गर्म और सूखे कपड़े पहनें, जिसमें टोपी, दस्ताने और मोटे मोजे शामिल हों। ⚠ लंबे समय तक ठंडी जगह पर न रहें और समय-समय पर गर्म स्थान पर जाएं। ⚠ ठंड में गीले कपड़े पहनने से बचें और शरीर को सूखा रखें। ⚠ बाहर जाने से पहले पर्याप्त भोजन और गर्म पेय लें। ⚠ शराब और धूम्रपान से बचें, क्योंकि ये शरीर की गर्मी कम कर सकते हैं। निष्कर्ष हिमदाह एक गंभीर स्थिति है, जिससे बचने के लिए ठंड में सुरक्षा उपाय अपनाने जरूरी हैं। अगर त्वचा सुन्न हो जाए या रंग बदलने लगे, तो तुरंत इलाज करें और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से संपर्क करें। सावधानी से ही ठंड के प्रभाव से बचा जा सकता है।
