कर्णस्त्राव (Ear Discharge) - कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक इलाज कर्णस्त्राव यानी कान से पानी, मवाद या खून का निकलना एक गंभीर समस्या हो सकती है। यह संक्रमण, चोट, कान के पर्दे में छेद, सर्दी-जुकाम या अन्य कारणों से हो सकता है। यदि समय पर इलाज न किया जाए, तो यह सुनने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। इस लेख में हम कर्णस्त्राव के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। कर्णस्त्राव के कारण (Causes of Ear Discharge) ⚠ कान का संक्रमण (Ear Infection) - बैक्टीरिया या वायरस के संक्रमण से कान में सूजन आ सकती है, जिससे मवाद या पानी निकल सकता है। ⚠ कान के पर्दे में छेद (Perforated Eardrum) - चोट लगने या संक्रमण के कारण कान के पर्दे में छेद हो सकता है, जिससे पानी या खून निकल सकता है। ⚠ सर्दी-जुकाम (Cold & Flu) - अधिक समय तक सर्दी-जुकाम बने रहने से कान में संक्रमण हो सकता है, जिससे कर्णस्त्राव हो सकता है। ⚠ मस्तिष्कमेरु द्रव रिसाव (CSF Leak) - सिर की चोट के कारण दुर्लभ मामलों में कान से पारदर्शी द्रव निकल सकता है, जो गंभीर स्थिति हो सकती है। ⚠ कान में फोड़ा या पित्ती (Boils or Cysts in Ear) - कान में फोड़ा या सिस्ट बनने पर उसमें से मवाद निकल सकता है। ⚠ एलर्जी या जलन (Allergy or Irritation) - गलत तरीके से सफाई करने या किसी एलर्जी के कारण कान से पानी निकल सकता है। कर्णस्त्राव के लक्षण (Symptoms of Ear Discharge) ⚠ कान से पानी या मवाद निकलना (Fluid or Pus Discharge) - सफेद, पीला, हरा या खून मिला हुआ द्रव निकल सकता है। ⚠ कान में खुजली और जलन (Itching & Irritation in Ear) - कान के अंदर खुजली और जलन महसूस होना। ⚠ कान में दर्द (Ear Pain) - कभी-कभी कान के अंदर तेज दर्द हो सकता है। ⚠ सुनने में दिक्कत (Hearing Loss) - धीरे-धीरे सुनने की क्षमता कम हो सकती है। ⚠ सिर दर्द और चक्कर (Headache & Dizziness) - संक्रमण बढ़ने पर सिर दर्द और चक्कर आ सकते हैं। कर्णस्त्राव का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic Treatment for Ear Discharge) ⚠ लहसुन और सरसों का तेल (Garlic & Mustard Oil) - लहसुन की कुछ कलियों को सरसों के तेल में गर्म करें और गुनगुना होने पर 2-3 बूंदें कान में डालें। ⚠ नीम का तेल (Neem Oil) - नीम का तेल एंटीबैक्टीरियल होता है, जो संक्रमण को कम करने में मदद करता है। ⚠ तुलसी का रस (Basil Juice) - तुलसी के पत्तों का रस निकालकर कान में डालने से संक्रमण दूर होता है। ⚠ अदरक का रस (Ginger Juice) - अदरक का रस हल्का गुनगुना करके कान के पास लगाने से सूजन और संक्रमण में राहत मिलती है। ⚠ हल्दी और नारियल तेल (Turmeric & Coconut Oil) - हल्दी और नारियल तेल मिलाकर हल्का गर्म करें और कान के पास लगाएं। ⚠ प्याज का रस (Onion Juice) - प्याज का रस हल्का गुनगुना करके कान में डालने से दर्द और मवाद से राहत मिलती है। कर्णस्त्राव से बचाव के उपाय (Prevention Tips for Ear Discharge) ⚠ कान की सफाई नियमित रूप से करें लेकिन सावधानीपूर्वक। ⚠ सर्दी-जुकाम को नजरअंदाज न करें और समय पर इलाज करें। ⚠ तैराकी के दौरान कानों को सुरक्षित रखें और अधिक पानी जाने से बचें। ⚠ यदि कान से लगातार द्रव निकल रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। निष्कर्ष (Conclusion) कर्णस्त्राव (कान का बहना) एक गंभीर समस्या हो सकती है, लेकिन सही समय पर घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार अपनाकर इसे ठीक किया जा सकता है। यदि संक्रमण बढ़ता है, तो विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।