सर्वांगासन (Sarvangasana) - Shoulder Stand Pose परिचय सर्वांगासन, जिसे अंग्रेजी में Shoulder Stand Pose कहा जाता है, योग में एक महत्वपूर्ण मुद्रा है जो पूरे शरीर को प्रभावित करती है। संस्कृत में "सर्वांग" का अर्थ है "संपूर्ण शरीर", इसलिए यह आसन शरीर के सभी अंगों के लिए लाभकारी माना जाता है। इसे योग की "मां" भी कहा जाता है क्योंकि यह कई शारीरिक और मानसिक लाभ प्रदान करता है। इस आसन के नियमित अभ्यास से रक्त संचार में सुधार होता है, थायरॉयड ग्रंथि सक्रिय होती है और मानसिक शांति मिलती है। विधि 1️⃣ समतल योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं और हाथों को शरीर के बगल में रखें। 2️⃣ पैरों को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं और कमर को भी ऊपर उठाकर हाथों से सहारा दें। 3️⃣ शरीर को सीधा रखते हुए पैरों को पूरी तरह ऊपर की ओर ले जाएं ताकि शरीर कंधों और सिर के सहारे टिका रहे। 4️⃣ ठोड़ी को छाती से स्पर्श कराने का प्रयास करें और संतुलन बनाए रखें। 5️⃣ इस स्थिति में 30-60 सेकंड तक रहें और धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में लौटें। 6️⃣ अभ्यास को 3-5 बार दोहराएं। लाभ ✅ रक्त संचार में सुधार करता है और मस्तिष्क को अधिक ऑक्सीजन पहुंचाता है। ✅ थायरॉयड ग्रंथि को सक्रिय करता है, जिससे हार्मोन संतुलन में मदद मिलती है। ✅ रीढ़ की हड्डी को मजबूत और लचीला बनाता है। ✅ मानसिक तनाव को कम करता है और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ाता है। ✅ पाचन क्रिया में सुधार करता है और शरीर को डिटॉक्स करने में सहायक होता है। सावधानियां और निषेध 🚫 हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, गले की समस्या या गर्दन में चोट हो तो यह आसन न करें। 🚫 गर्भवती महिलाओं और मासिक धर्म के दौरान इस आसन से बचें। 🚫 शुरुआती योग साधकों को इसे किसी प्रशिक्षक की देखरेख में करना चाहिए। 🚫 इस आसन को करने से पहले शरीर को ठीक से वार्मअप करें। निष्कर्ष सर्वांगासन (Shoulder Stand Pose) शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी योग मुद्रा है जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है। इसका नियमित अभ्यास थायरॉयड, रक्त संचार और पाचन तंत्र को मजबूत करता है। हालांकि, इसे करने से पहले उचित सावधानी बरतनी चाहिए और किसी भी समस्या की स्थिति में योग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।