गलतुण्डिका शोथ (Tonsillitis) - कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक इलाज गलतुण्डिका शोथ, जिसे टॉन्सिलाइटिस (Tonsillitis) कहा जाता है, गले के दोनों ओर स्थित टॉन्सिल्स की सूजन को कहते हैं। यह आमतौर पर वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होता है और गले में दर्द, निगलने में कठिनाई और बुखार जैसी समस्याएँ पैदा कर सकता है। इस लेख में हम इसके कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार पर चर्चा करेंगे। गलतुण्डिका शोथ के कारण (Causes of Tonsillitis) ⚠ वायरल संक्रमण (Viral Infection) - सर्दी-ज़ुकाम के वायरस से टॉन्सिल्स में सूजन हो सकती है। ⚠ बैक्टीरियल संक्रमण (Bacterial Infection) - स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया के कारण गलतुण्डिका शोथ हो सकता है। ⚠ अत्यधिक ठंडी चीज़ों का सेवन (Excess Cold Consumption) - अधिक ठंडा पानी, आइसक्रीम या ठंडी चीज़ें खाने से टॉन्सिल्स प्रभावित हो सकते हैं। ⚠ धूल-मिट्टी और प्रदूषण (Dust & Pollution) - अधिक प्रदूषित वातावरण में रहने से गले में संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। ⚠ कमज़ोर प्रतिरक्षा तंत्र (Weak Immune System) - रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से बार-बार टॉन्सिल की समस्या हो सकती है। गलतुण्डिका शोथ के लक्षण (Symptoms of Tonsillitis) ⚠ गले में दर्द (Throat Pain) - बोलने और खाने-पीने में कठिनाई होना। ⚠ गले में सूजन (Swelling in Throat) - टॉन्सिल्स का लाल और बड़ा हो जाना। ⚠ बुखार (Fever) - संक्रमण के कारण हल्का या तेज़ बुखार आ सकता है। ⚠ मुंह से बदबू आना (Bad Breath) - संक्रमण के कारण सांसों में दुर्गंध आ सकती है। ⚠ आवाज भारी होना (Hoarseness of Voice) - टॉन्सिल्स की सूजन के कारण आवाज़ में भारीपन आ सकता है। गलतुण्डिका शोथ का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic Treatment for Tonsillitis) ⚠ गर्म पानी से गरारा (Salt Water Gargle) - हल्के गर्म पानी में नमक डालकर दिन में 2-3 बार गरारा करें। ⚠ हल्दी दूध (Turmeric Milk) - रात को सोने से पहले हल्दी वाला दूध पीने से सूजन और दर्द में आराम मिलता है। ⚠ तुलसी और अदरक का काढ़ा (Basil & Ginger Decoction) - तुलसी, अदरक और काली मिर्च का काढ़ा पीने से टॉन्सिल्स की सूजन कम होती है। ⚠ शहद और काली मिर्च (Honey & Black Pepper) - शहद में काली मिर्च मिलाकर चाटने से गले की जलन और सूजन कम होती है। ⚠ मुलेठी चूर्ण (Licorice Powder) - एक चम्मच मुलेठी चूर्ण को शहद के साथ लेने से गले में राहत मिलती है। ⚠ भाप लेना (Steam Inhalation) - गर्म पानी की भाप लेने से गले की सूजन और खराश में राहत मिलती है। गलतुण्डिका शोथ से बचाव के उपाय (Prevention Tips for Tonsillitis) ⚠ ठंडी चीज़ों का सेवन कम करें और गले को गर्म रखें। ⚠ अधिक धूल-मिट्टी और प्रदूषण से बचें। ⚠ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पौष्टिक आहार लें। ⚠ पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं और गले को हाइड्रेटेड रखें। ⚠ अगर समस्या ज्यादा हो तो डॉक्टर से परामर्श लें। निष्कर्ष (Conclusion) गलतुण्डिका शोथ एक आम गले की समस्या है, जो सही उपचार और आयुर्वेदिक उपायों से ठीक की जा सकती है। यदि लक्षण लंबे समय तक बने रहें या बार-बार यह समस्या हो, तो विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक है।