क्विन्सी (Quinsy) - गले में फोड़ा हो जाना क्विन्सी, जिसे पेरिटोंसिलर एब्सेस (Peritonsillar Abscess) भी कहा जाता है, टॉन्सिल्स के पास पस भर जाने के कारण होता है। यह एक गंभीर संक्रमण होता है जो आमतौर पर अनुपचारित या गंभीर टॉन्सिलाइटिस के कारण विकसित होता है। इसमें गले में तेज दर्द, सूजन और निगलने में कठिनाई होती है। क्विन्सी के कारण (Causes of Quinsy) ⚠ टॉन्सिल का संक्रमण (Tonsillitis Infection) - बार-बार होने वाला टॉन्सिलाइटिस क्विन्सी का मुख्य कारण हो सकता है। ⚠ बैक्टीरियल संक्रमण (Bacterial Infection) - स्ट्रेप्टोकोकल बैक्टीरिया इस समस्या को जन्म दे सकते हैं। ⚠ सर्दी-जुकाम और कमजोर इम्यूनिटी (Cold & Weak Immunity) - कमजोर प्रतिरोधक क्षमता से गले में संक्रमण बढ़ सकता है। ⚠ धूम्रपान और एलर्जी (Smoking & Allergies) - धूम्रपान और धूल-मिट्टी से गले की जलन बढ़ सकती है। क्विन्सी के लक्षण (Symptoms of Quinsy) ⚠ गले में तेज दर्द (Severe Throat Pain) - एक तरफ गले में अधिक दर्द और सूजन होती है। ⚠ निगलने में कठिनाई (Difficulty in Swallowing) - खाने-पीने में परेशानी होती है। ⚠ बोलने में दिक्कत (Muffled Voice) - आवाज भारी या बदली हुई लग सकती है। ⚠ बुखार और कमजोरी (Fever & Weakness) - शरीर में हल्का बुखार और थकान महसूस होती है। ⚠ सांस लेने में दिक्कत (Breathing Difficulty) - गले में सूजन बढ़ने पर सांस लेने में परेशानी हो सकती है। क्विन्सी का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic Treatment for Quinsy) ⚠ गर्म पानी से गरारे (Salt Water Gargle) - हल्के गर्म पानी में नमक और हल्दी डालकर दिन में 3-4 बार गरारा करें। ⚠ तुलसी और अदरक का काढ़ा (Basil & Ginger Decoction) - तुलसी, अदरक और काली मिर्च का काढ़ा पीने से संक्रमण कम होता है। ⚠ हल्दी दूध (Turmeric Milk) - हल्दी दूध पीने से गले की सूजन कम होती है। ⚠ मुलेठी का सेवन (Licorice Root) - मुलेठी चबाने या इसका चूर्ण शहद के साथ लेने से गले में राहत मिलती है। ⚠ लौंग और शहद (Clove & Honey) - लौंग को शहद में डुबोकर चूसने से गले में आराम मिलता है। ⚠ भाप लेना (Steam Inhalation) - गर्म पानी की भाप लेने से सूजन और दर्द में राहत मिलती है। क्विन्सी से बचाव के उपाय (Prevention Tips for Quinsy) ⚠ ठंडे पदार्थों का सेवन न करें और गले को गर्म रखें। ⚠ धूम्रपान और शराब से दूर रहें। ⚠ दिन में 2-3 बार गरारा करें। ⚠ ठंडी हवा और धूल से बचें। ⚠ टॉन्सिल की समस्या को अनदेखा न करें और समय पर इलाज कराएं। निष्कर्ष (Conclusion) क्विन्सी एक गंभीर संक्रमण है जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सही आयुर्वेदिक उपचार और सावधानियों से इसे ठीक किया जा सकता है, लेकिन यदि लक्षण ज्यादा गंभीर हो जाएं, तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।