मुख पकना (Thrush) - कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक इलाज मुख पकना (Thrush) एक सामान्य समस्या है, जिसमें मुंह के अंदर छोटे-छोटे सफेद धब्बे, छाले या लालिमा हो सकती है। यह मुख्य रूप से फंगल संक्रमण (कैंडिडा) के कारण होता है, जो कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, अस्वच्छता या अधिक एंटीबायोटिक्स के सेवन के कारण बढ़ सकता है। यह समस्या बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों में अधिक देखी जाती है। इस लेख में हम मुख पकने के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। मुख पकने के कारण (Causes of Thrush) ⚠ फंगल संक्रमण (Fungal Infection) - कैंडिडा एल्बिकन्स (Candida Albicans) नामक फंगस के अत्यधिक बढ़ने से मुंह में छाले और सफेद परत जम सकती है। ⚠ कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता (Weak Immunity) - कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में यह संक्रमण जल्दी फैलता है, खासकर शिशुओं और बुजुर्गों में। ⚠ अत्यधिक एंटीबायोटिक्स का सेवन (Excessive Antibiotics) - बार-बार एंटीबायोटिक्स लेने से शरीर के अच्छे बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं, जिससे फंगल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ⚠ मधुमेह (Diabetes) - शुगर लेवल अधिक होने से मुंह में फंगस तेजी से पनपता है, जिससे मुख पकने की समस्या हो सकती है। ⚠ मुंह की सफाई में कमी (Poor Oral Hygiene) - ठीक से ब्रश न करने, दांतों को साफ न रखने या गंदे पानी से कुल्ला करने से यह समस्या हो सकती है। ⚠ सूखी मुंह की समस्या (Dry Mouth) - लार की कमी से मुंह सूख जाता है, जिससे फंगल संक्रमण तेजी से फैलता है। ⚠ स्टेरॉयड और अन्य दवाएं (Steroids & Medications) - लंबे समय तक स्टेरॉयड, कीमोथेरेपी या अन्य दवाओं के सेवन से यह संक्रमण हो सकता है। मुख पकने के लक्षण (Symptoms of Thrush) ⚠ सफेद धब्बे (White Patches) - जीभ, मसूड़ों, तालू और गले में सफेद या क्रीम रंग की परत जम जाती है। ⚠ छाले और जलन (Sores & Burning Sensation) - मुंह में छोटे-छोटे छाले हो सकते हैं, जिससे खाने-पीने में जलन महसूस होती है। ⚠ मुंह का सूखना (Dryness in Mouth) - लार की कमी के कारण मुंह सूखने लगता है और स्वाद बिगड़ सकता है। ⚠ बदबूदार सांस (Bad Breath) - फंगल संक्रमण के कारण सांसों से दुर्गंध आ सकती है। ⚠ गले में खराश (Sore Throat) - गंभीर मामलों में गले में दर्द और सूजन हो सकती है, जिससे निगलने में परेशानी होती है। मुख पकने का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic Treatment for Thrush) ⚠ हल्दी (Turmeric) - हल्दी में एंटीफंगल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो फंगल संक्रमण को दूर करने में मदद करते हैं। - हल्दी और शहद को मिलाकर मुंह में लगाने से राहत मिलती है। ⚠ नीम (Neem) - नीम की पत्तियों को चबाने या नीम का काढ़ा पीने से मुंह के संक्रमण दूर होते हैं। - नीम के पत्तों का पेस्ट बनाकर प्रभावित जगह पर लगाने से फायदा होता है। ⚠ लौंग (Clove) - लौंग में एंटीफंगल गुण होते हैं, जो मुंह के छालों और संक्रमण को कम करने में मदद करते हैं। - लौंग के तेल को नारियल तेल में मिलाकर लगाने से राहत मिलती है। ⚠ त्रिफला (Triphala) - त्रिफला चूर्ण को पानी में मिलाकर गरारा करने से मुंह की सफाई होती है और संक्रमण दूर होता है। ⚠ एलोवेरा (Aloe Vera) - एलोवेरा जेल को मुंह के छालों पर लगाने से जलन कम होती है और घाव जल्दी भरते हैं। - एलोवेरा जूस पीने से शरीर के अंदरूनी संक्रमण को भी ठीक किया जा सकता है। ⚠ दही (Yogurt) - प्रोबायोटिक दही खाने से शरीर में अच्छे बैक्टीरिया बढ़ते हैं, जिससे फंगल संक्रमण कम होता है। ⚠ गुलाब जल (Rose Water) - गुलाब जल से कुल्ला करने से मुंह की सफाई होती है और संक्रमण जल्दी ठीक होता है। ⚠ नारियल तेल (Coconut Oil) - नारियल तेल में एंटीफंगल गुण होते हैं, जो फंगस को खत्म करने में मदद करते हैं। - सुबह खाली पेट नारियल तेल से कुल्ला करने से मुख पकने में राहत मिलती है। मुख पकने से बचाव के उपाय (Prevention Tips) ⚠ रोजाना ब्रश और माउथवॉश का इस्तेमाल करें। ⚠ मीठे खाद्य पदार्थों और ज्यादा चीनी के सेवन से बचें। ⚠ भोजन के बाद पानी से कुल्ला जरूर करें। ⚠ इम्यूनिटी मजबूत करने के लिए हेल्दी डाइट लें। ⚠ दांतों और जीभ की सफाई नियमित रूप से करें। ⚠ जरूरत से ज्यादा एंटीबायोटिक्स और स्टेरॉयड से बचें। ⚠ पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं ताकि मुंह में नमी बनी रहे। निष्कर्ष (Conclusion) मुख पकना एक आम समस्या है, जो फंगल संक्रमण के कारण होती है। इसे सही खान-पान, अच्छी ओरल हाइजीन और आयुर्वेदिक उपचारों से आसानी से ठीक किया जा सकता है। यदि समस्या लंबे समय तक बनी रहती है या बार-बार होती है, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। प्राकृतिक उपचार और घरेलू नुस्खों का नियमित रूप से पालन करने से मुंह को स्वस्थ रखा जा सकता है।