बच्चों की अतिसार (Diarrhoea Infantile) - कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक इलाज
बच्चों की अतिसार (Infantile Diarrhoea) एक सामान्य लेकिन गंभीर समस्या है, जिसमें बच्चे को बार-बार पतला दस्त होता है। यह समस्या आमतौर पर संक्रमण, अशुद्ध पानी, गलत आहार या दूध न पचने के कारण होती है। यदि समय पर ध्यान न दिया जाए, तो यह डिहाइड्रेशन का कारण बन सकता है। इस लेख में हम बच्चों की अतिसार के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
बच्चों में अतिसार होने के कारण (Causes of Diarrhoea in Infants)
वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण (Viral or Bacterial Infection)
- रोटावायरस, ई.कोलाई और साल्मोनेला जैसे बैक्टीरिया संक्रमण के कारण अतिसार हो सकता है।
अशुद्ध पानी और दूषित भोजन (Contaminated Water & Food)
- गंदे पानी और अस्वच्छ भोजन से पेट में संक्रमण हो सकता है, जिससे दस्त होने लगते हैं।
लैक्टोज असहिष्णुता (Lactose Intolerance)
- कुछ बच्चों का शरीर दूध में मौजूद लैक्टोज को ठीक से पचा नहीं पाता, जिससे अतिसार हो सकता है।
गलत आहार (Improper Diet)
- नवजात शिशु को भारी और असंतुलित आहार देने से पाचन तंत्र पर प्रभाव पड़ सकता है।
दांत निकलने की प्रक्रिया (Teething Phase)
- दांत निकलने के समय बच्चे कई चीजों को मुंह में डालते हैं, जिससे संक्रमण और दस्त हो सकते हैं।
एलर्जी और दवाओं का प्रभाव (Allergy & Medication)
- कुछ दवाएं, जैसे एंटीबायोटिक्स, बच्चों के पेट के अच्छे बैक्टीरिया को नष्ट कर सकती हैं और दस्त का कारण बन सकती हैं।
बच्चों की अतिसार के लक्षण (Symptoms of Infantile Diarrhoea)
बार-बार पतला दस्त (Frequent Loose Stools)
- दिन में 3-5 बार या उससे अधिक पतला मल आना।
पेट दर्द और मरोड़ (Abdominal Pain & Cramps)
- बच्चे के पेट में ऐंठन और बेचैनी हो सकती है।
उल्टी और जी मिचलाना (Vomiting & Nausea)
- कुछ बच्चों में दस्त के साथ उल्टी भी हो सकती है।
डिहाइड्रेशन के लक्षण (Signs of Dehydration)
- मुंह सूखना, पेशाब कम होना और शरीर में कमजोरी महसूस होना।
बच्चे का चिड़चिड़ापन (Irritability in Baby)
- बच्चे का बार-बार रोना और बेचैनी महसूस करना।
बच्चों की अतिसार का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic Treatment for Infantile Diarrhoea)
अनार का रस (Pomegranate Juice)
- 6 महीने से बड़े बच्चों को ताजे अनार का रस देने से दस्त में राहत मिलती है।
सोंठ और शहद (Dry Ginger & Honey)
- सोंठ के चूर्ण को शहद के साथ देने से बच्चे का पाचन तंत्र मजबूत होता है।
बेल का गूदा (Bael Fruit Pulp)
- बेल फल का गूदा बच्चे को देने से दस्त में सुधार होता है।
धनिया और जीरा पानी (Coriander & Cumin Water)
- उबले हुए धनिया और जीरे का पानी दस्त रोकने में सहायक होता है।
अदरक का रस (Ginger Juice)
- हल्के गुनगुने पानी के साथ अदरक का रस देने से पाचन सुधरता है।
बच्चे को हल्का भोजन दें (Light Food for Baby)
- मूंग दाल का पानी, पतला दलिया और चावल का पानी बच्चे को देना फायदेमंद होता है।
ORS घोल (Oral Rehydration Solution)
- शरीर में पानी की कमी को रोकने के लिए ORS घोल देना बहुत जरूरी होता है।
बच्चों की अतिसार से बचाव के उपाय (Prevention Tips)
⚠ बच्चे को केवल उबला और स्वच्छ पानी दें।
⚠ बाहर का दूषित भोजन और खुला दूध न दें।
⚠ बच्चे के हाथ और खिलौनों को साफ रखें।
⚠ स्तनपान करने वाली माताओं को भी साफ-सुथरा खानपान अपनाना चाहिए।
⚠ दांत निकलते समय बच्चे की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
निष्कर्ष (Conclusion)
बच्चों की अतिसार एक आम समस्या है, लेकिन सही देखभाल और उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। आयुर्वेदिक उपचार और घरेलू उपायों को अपनाकर इस समस्या से राहत पाई जा सकती है। यदि बच्चा बहुत अधिक कमजोर महसूस कर रहा हो या लगातार डिहाइड्रेशन के लक्षण दिख रहे हों, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।

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