नाइट स्वेट्स (Night Sweats) - कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार नाइट स्वेट्स यानी रात में अत्यधिक पसीना आना, एक आम समस्या है जो कई कारणों से हो सकती है। यह हार्मोनल असंतुलन, संक्रमण, दवाओं के प्रभाव या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हो सकता है। यदि यह समस्या बार-बार होती है, तो इसके पीछे कोई गंभीर कारण हो सकता है। इस लेख में हम नाइट स्वेट्स के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार के बारे में विस्तार से जानेंगे। नाइट स्वेट्स के कारण (Causes of Night Sweats) ⚠ हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance) - थायरॉइड, मेनोपॉज, एंड्रोपॉज या अन्य हार्मोनल बदलावों के कारण रात में पसीना आ सकता है। ⚠ संक्रमण (Infections) - टी.बी., एच.आई.वी. या बैक्टीरियल इंफेक्शन जैसी बीमारियों के कारण शरीर में अत्यधिक गर्मी बढ़ सकती है, जिससे नाइट स्वेट्स होते हैं। ⚠ तनाव और चिंता (Stress & Anxiety) - मानसिक तनाव, घबराहट और चिंता के कारण शरीर का तापमान बढ़ सकता है, जिससे रात में पसीना आता है। ⚠ कुछ दवाओं का प्रभाव (Side Effects of Medications) - एंटीडिप्रेसेंट, बुखार कम करने वाली दवाएं और हार्मोनल थेरेपी के कारण यह समस्या हो सकती है। ⚠ शरीर में अधिक गर्मी (Excess Body Heat) - गर्म और मसालेदार भोजन, शराब या कैफीन के अधिक सेवन से शरीर में गर्मी बढ़ सकती है, जिससे रात में पसीना आता है। ⚠ कमजोरी या विटामिन की कमी (Weakness or Vitamin Deficiency) - विटामिन डी और बी-कॉम्प्लेक्स की कमी से शरीर का तापमान असंतुलित हो सकता है। नाइट स्वेट्स के लक्षण (Symptoms of Night Sweats) ⚠ सोते समय अत्यधिक पसीना आना, जिससे बिस्तर और कपड़े भीग जाना। ⚠ नींद में बार-बार बाधा आना और बेचैनी महसूस होना। ⚠ पसीने के साथ तेज धड़कन और कमजोरी महसूस होना। ⚠ शरीर में अत्यधिक गर्मी और त्वचा पर चिपचिपाहट महसूस होना। ⚠ बार-बार नींद खुलना और थकान महसूस करना। नाइट स्वेट्स का आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic Treatment for Night Sweats) ⚠ शंखपुष्पी (Shankhpushpi) - मानसिक तनाव और चिंता को दूर करने के लिए शंखपुष्पी का सेवन करें। ⚠ अश्वगंधा (Ashwagandha) - यह हार्मोनल संतुलन बनाए रखता है और शरीर को ठंडक प्रदान करता है। ⚠ ब्राह्मी (Brahmi) - ब्राह्मी शरीर की गर्मी को नियंत्रित करने में सहायक होती है और नींद की गुणवत्ता को सुधारती है। ⚠ नीम (Neem) - नीम शरीर को ठंडक प्रदान करता है और संक्रमण को रोकने में मदद करता है। ⚠ सौंफ (Fennel) - सौंफ का पानी पीने से शरीर की गर्मी कम होती है और नाइट स्वेट्स की समस्या से राहत मिलती है। ⚠ गुलकंद (Gulkand) - गुलकंद ठंडक देता है और शरीर में अतिरिक्त गर्मी को कम करता है। नाइट स्वेट्स से बचाव के उपाय (Prevention Tips for Night Sweats) ⚠ सोने से पहले हल्का और सुपाच्य भोजन करें। ⚠ मसालेदार और तली-भुनी चीजों से बचें। ⚠ रोजाना ध्यान और प्राणायाम करें ताकि मानसिक तनाव कम हो। ⚠ सोने के लिए ठंडे और हवादार वातावरण का चयन करें। ⚠ एल्कोहल और कैफीन के सेवन से बचें। ⚠ रात में हल्के सूती कपड़े पहनें और शरीर को हाइड्रेट रखें। निष्कर्ष (Conclusion) नाइट स्वेट्स आमतौर पर हार्मोनल बदलाव, संक्रमण या तनाव के कारण होते हैं। यदि यह समस्या बार-बार हो रही है, तो आयुर्वेदिक उपचार और जीवनशैली में सुधार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। लेकिन यदि समस्या लंबे समय तक बनी रहती है या अन्य गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं, तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।