ग्लूकोमा (Glaucoma) - कारण, लक्षण और उपचार ग्लूकोमा आंखों की एक गंभीर स्थिति है, जिसमें आंख के भीतर दबाव (आईओपी) बढ़ जाता है, जिससे आंखों की नर्व्स पर दबाव पड़ता है और यह दृष्टि को नुकसान पहुँचा सकता है। अगर इसका सही समय पर इलाज नहीं किया जाता, तो यह अंधेपन का कारण भी बन सकता है। इस लेख में हम ग्लूकोमा के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में चर्चा करेंगे। ग्लूकोमा के कारण (Causes of Glaucoma) ⚠ आंखों का बढ़ा हुआ दबाव (Increased Eye Pressure) - आंख के भीतर दबाव बढ़ने से ग्लूकोमा हो सकता है, जो आंख की नर्व्स को नुकसान पहुँचाता है। ⚠ आंखों की नर्व्स का क्षय (Damage to the Optic Nerve) - आंख की नर्व्स के नुकसान के कारण दृष्टि पर असर पड़ता है और ग्लूकोमा उत्पन्न होता है। ⚠ जन्मजात कारण (Congenital Factors) - कुछ बच्चों में जन्म से ही ग्लूकोमा हो सकता है, जो माता-पिता से जेनेटिक रूप से आता है। ⚠ उम्र का असर (Age-related Factors) - उम्र बढ़ने के साथ आंखों में दबाव का स्तर बढ़ सकता है, जिससे ग्लूकोमा का खतरा बढ़ता है। ⚠ परिवारिक इतिहास (Family History) - अगर परिवार में किसी को ग्लूकोमा है, तो अन्य परिवार के सदस्य को भी इसका खतरा अधिक हो सकता है। ⚠ हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) - उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) के कारण भी ग्लूकोमा का खतरा बढ़ सकता है। ग्लूकोमा के लक्षण (Symptoms of Glaucoma) ⚠ धुंधला दिखना (Blurred Vision) - ग्लूकोमा से दृष्टि में धुंधलापन आ सकता है, विशेषकर रात के समय। ⚠ आंखों में दर्द (Eye Pain) - आंखों में दर्द और दबाव का अनुभव हो सकता है, जो समय के साथ बढ़ सकता है। ⚠ आंखों के चारों ओर हल्का रंग (Rainbow Halos Around Lights) - हल्की रोशनी या लैम्प के चारों ओर रंगीन रिंग्स या हल्के रंग का अनुभव हो सकता है। ⚠ आंखों में जलन और लाली (Redness and Irritation of the Eyes) - आंखों में जलन, लालिमा और परेशानी हो सकती है। ⚠ दृष्टि का अचानक गिरना (Sudden Vision Loss) - गंभीर मामलों में दृष्टि में अचानक कमी हो सकती है, जिससे व्यक्ति को देखना कठिन हो सकता है। ग्लूकोमा का आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic Treatment for Glaucoma) ⚠ त्रिफला (Triphala) - त्रिफला का सेवन आंखों की सेहत को बढ़ावा देता है और ग्लूकोमा के प्रभाव को कम कर सकता है। ⚠ आंवला (Amla) - आंवला का रस आंखों की नर्व्स को मजबूत करता है और आंखों में दबाव को कम करता है। ⚠ गाजर का रस (Carrot Juice) - गाजर का रस आंखों के लिए फायदेमंद होता है और यह दृष्टि को सुधारने में मदद कर सकता है। ⚠ नीम (Neem) - नीम की पत्तियों का रस आंखों में डालने से सूजन और जलन को कम किया जा सकता है। ⚠ शंखपुष्पी (Shankhpushpi) - शंखपुष्पी का सेवन आंखों की सेहत को बेहतर बनाता है और ग्लूकोमा के इलाज में मदद करता है। ⚠ हिरडा (Haritaki) - हिरडा का सेवन आंखों की दृष्टि में सुधार करता है और आंखों में दबाव को कम करने में मदद करता है। ग्लूकोमा से बचाव के उपाय (Prevention Tips for Glaucoma) ⚠ नियमित रूप से आंखों की जांच करवाएं। ⚠ संतुलित आहार लें, जिसमें विटामिन A, C और E अधिक मात्रा में हो। ⚠ धूम्रपान और शराब से बचें। ⚠ नियमित शारीरिक गतिविधि करें, जिससे आंखों के दबाव को नियंत्रित किया जा सके। ⚠ तनाव कम करने के लिए योग और प्राणायाम का अभ्यास करें। निष्कर्ष (Conclusion) ग्लूकोमा एक गंभीर आंखों की समस्या है, जो समय पर इलाज न करने पर दृष्टिहीनता का कारण बन सकती है। आयुर्वेदिक उपचार और उचित जीवनशैली से इस स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति को ग्लूकोमा के लक्षण महसूस हों, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।