Hepatitis C – हेपेटाइटिस सी Hepatitis C एक संक्रामक वायरल रोग है, जो हेपेटाइटिस सी वायरस (HCV) के कारण होता है। यह मुख्य रूप से संक्रमित रक्त के संपर्क में आने से फैलता है और लिवर (यकृत) को प्रभावित करता है। यदि समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो यह लिवर सिरोसिस या लिवर कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। यह संक्रमण कई वर्षों तक बिना लक्षणों के रह सकता है, इसलिए इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। आयुर्वेद में इस रोग के उपचार के लिए जड़ी-बूटियों और आहार के माध्यम से लिवर को स्वस्थ बनाने पर ध्यान दिया जाता है। Hepatitis C के कारण (Causes of Hepatitis C) ⚠ संक्रमित रक्त से संपर्क होना ⚠ दूषित सुइयों या चिकित्सा उपकरणों का उपयोग ⚠ संक्रमित व्यक्ति से असुरक्षित रक्त आधान (Blood Transfusion) ⚠ संक्रमित माँ से नवजात शिशु को संक्रमण ⚠ असुरक्षित टैटू या पियर्सिंग कराना ⚠ असुरक्षित यौन संबंध (कम मामलों में) Hepatitis C के लक्षण (Symptoms of Hepatitis C) ⚠ कमजोरी और लगातार थकान ⚠ भूख न लगना और वजन घटना ⚠ पेट में दर्द, खासकर दाईं ओर ⚠ मतली और उल्टी ⚠ त्वचा और आँखों का पीला पड़ना (पीलिया) ⚠ गहरे रंग का मूत्र और हल्के रंग का मल ⚠ जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द Hepatitis C का आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic Treatment for Hepatitis C) आयुर्वेद में Hepatitis C के उपचार के लिए लिवर को शुद्ध करने, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने पर ध्यान दिया जाता है। ⚠ ✔गिलोय✔ – यह लिवर की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है ⚠ ✔आंवला✔ – इसमें उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो लिवर की मरम्मत में सहायक होते हैं ⚠ ✔हल्दी✔ – इसके एंटीवायरल और सूजनरोधी गुण संक्रमण को कम करने में मदद करते हैं ⚠ ✔नीम✔ – लिवर को डिटॉक्स करता है और संक्रमण को फैलने से रोकता है ⚠ ✔भृंगराज✔ – लिवर को मजबूत बनाने और पाचन को सुधारने में सहायक होता है ⚠ ✔तुलसी✔ – यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और विषैले तत्वों को बाहर निकालती है Hepatitis C से बचाव के उपाय (Prevention Tips for Hepatitis C) ⚠ किसी भी चिकित्सा प्रक्रिया में केवल स्वच्छ और सुरक्षित सुइयों का उपयोग करें ⚠ टैटू और पियर्सिंग कराते समय स्वच्छता का ध्यान रखें ⚠ असुरक्षित रक्त आधान से बचें और केवल प्रमाणित रक्त बैंकों से रक्त प्राप्त करें ⚠ असुरक्षित यौन संबंध से बचें ⚠ व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें और संक्रमित व्यक्ति के ब्लेड, नेल कटर या टूथब्रश का उपयोग न करें ⚠ लिवर की नियमित जाँच कराएँ निष्कर्ष (Conclusion) Hepatitis C एक गंभीर संक्रामक रोग है, जो संक्रमित रक्त के संपर्क में आने से फैलता है और लिवर को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। यह कई वर्षों तक लक्षण रहित रह सकता है, इसलिए इसकी समय पर पहचान और उचित उपचार आवश्यक है। आयुर्वेदिक उपचार, संतुलित आहार और स्वच्छता के नियमों का पालन करके इस रोग को नियंत्रित किया जा सकता है। सतर्कता अपनाकर और लिवर की देखभाल करके इस संक्रमण से बचा जा सकता है।