प्लांटर फैसीआइटिस (Plantar Fasciitis) - कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार प्लांटर फैसीआइटिस एक आम पैर संबंधी समस्या है, जिसमें एड़ी और तलवे में दर्द और सूजन होती है। यह तब होता है जब प्लांटर फैशिया (पैर के तलवे में मौजूद एक मोटा ऊतक) में सूजन आ जाती है। यह समस्या लंबे समय तक खड़े रहने, गलत जूते पहनने या अधिक शारीरिक गतिविधि करने से हो सकती है। इस लेख में हम इसके कारण, लक्षण, आयुर्वेदिक उपचार और बचाव के उपायों पर चर्चा करेंगे। प्लांटर फैसीआइटिस के कारण (Causes of Plantar Fasciitis) ⚠ अत्यधिक चलना या दौड़ना (Excessive Walking or Running) - लंबे समय तक चलने, दौड़ने या कठोर सतहों पर अधिक समय बिताने से यह समस्या हो सकती है। ⚠ गलत जूते पहनना (Improper Footwear) - सपोर्ट न देने वाले जूते पहनने से प्लांटर फैशिया पर अनावश्यक दबाव पड़ता है। ⚠ मोटापा (Obesity) - अधिक वजन होने से पैर के तलवे पर अतिरिक्त भार पड़ता है, जिससे सूजन हो सकती है। ⚠ फुट आर्च की समस्या (Flat Feet or High Arches) - पैरों की संरचना में गड़बड़ी से प्लांटर फैशिया में असंतुलन उत्पन्न हो सकता है। ⚠ उम्र का प्रभाव (Age Factor) - 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में प्लांटर फैसीआइटिस होने की संभावना अधिक होती है। प्लांटर फैसीआइटिस के लक्षण (Symptoms of Plantar Fasciitis) ⚠ सुबह के समय एड़ी में तेज दर्द (Heel Pain in the Morning) - सुबह उठने के बाद पहला कदम रखने पर एड़ी में तेज दर्द महसूस होता है। ⚠ लंबे समय तक खड़े रहने से दर्द (Pain After Standing for Long Hours) - ज्यादा देर तक खड़े रहने या बैठने के बाद अचानक चलने से दर्द बढ़ जाता है। ⚠ एड़ी और तलवे में जलन (Burning Sensation in Heel and Sole) - एड़ी में जलन और हल्की सूजन महसूस हो सकती है। ⚠ चलने-फिरने में असुविधा (Difficulty in Walking) - दर्द के कारण पैदल चलना और सामान्य गतिविधियाँ करना मुश्किल हो सकता है। प्लांटर फैसीआइटिस का आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic Treatment for Plantar Fasciitis) ⚠ हल्दी (Turmeric) - हल्दी में मौजूद करक्यूमिन सूजन और दर्द को कम करने में सहायक होता है। इसे गर्म दूध के साथ लेने से लाभ मिलता है। ⚠ अश्वगंधा (Ashwagandha) - यह मांसपेशियों और जोड़ों की मजबूती बढ़ाने में सहायक होता है। ⚠ गुग्गुल (Guggul) - एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण यह सूजन और दर्द को कम करता है। ⚠ तिल का तेल मालिश (Sesame Oil Massage) - गर्म तिल के तेल से मालिश करने से पैर के तलवे की कठोरता और दर्द में राहत मिलती है। ⚠ गर्म पानी में सेंधा नमक डालकर सिकाई (Epsom Salt Soak) - गर्म पानी में पैर डालकर रखने से सूजन और दर्द में राहत मिलती है। प्लांटर फैसीआइटिस से बचाव के उपाय (Prevention Tips for Plantar Fasciitis) ⚠ आरामदायक और गद्देदार जूते पहनें जो पैरों को सपोर्ट दें। ⚠ बहुत अधिक कठोर सतहों पर न दौड़ें या न चलें। ⚠ पैरों की नियमित स्ट्रेचिंग करें ताकि प्लांटर फैशिया में लचक बनी रहे। ⚠ शरीर का वजन नियंत्रित रखें ताकि पैरों पर अतिरिक्त भार न पड़े। ⚠ यदि दर्द लंबे समय तक बना रहे, तो चिकित्सकीय परामर्श लें। निष्कर्ष (Conclusion) प्लांटर फैसीआइटिस एक दर्दनाक लेकिन नियंत्रित की जा सकने वाली स्थिति है। सही देखभाल, आयुर्वेदिक उपचार और उचित जूतों का चयन करके इसे रोका और ठीक किया जा सकता है। यदि दर्द गंभीर हो या लंबे समय तक बना रहे, तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
