एंडोमेट्रियल कैंसर (Endometrial Cancer) - कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचारएंडोमेट्रियल कैंसर गर्भाशय की अंदरूनी परत (एंडोमेट्रियम) में विकसित होने वाला कैंसर है। यह रोग मुख्य रूप से मध्य आयु और पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं में देखा जाता है। यदि समय पर निदान एवं उचित आधुनिक चिकित्सा उपचार न हो, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। आयुर्वेदिक उपचार केवल सहायक उपाय के रूप में अपनाये जाते हैं, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने, सूजन कम करने एवं सहायक रिकवरी में योगदान देते हैं।एंडोमेट्रियल कैंसर के कारण (Causes of Endometrial Cancer)⚠ हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance): - अधिक एस्ट्रोजन के स्तर में वृद्धि एंडोमेट्रियल कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि को प्रेरित कर सकती है।⚠ मोटापा (Obesity): - अतिरिक्त वजन से शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ जाता है, जो कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है।⚠ पारिवारिक इतिहास (Family History): - परिवार में एंडोमेट्रियल कैंसर का इतिहास होने से जोखिम में वृद्धि हो सकती है।⚠ उम्र (Advancing Age): - उम्र बढ़ने के साथ हार्मोनल परिवर्तन एवं कोशिकाओं में दोष होने की संभावना अधिक होती है।⚠ अनियमित मासिक धर्म और ओवुलेटरी डिसऑर्डर (Irregular Menstrual Cycles and Ovulatory Disorders): - मासिक धर्म में अनियमितता से हार्मोनल संतुलन में गड़बड़ी हो सकती है।⚠ अन्य जोखिम कारक (Other Risk Factors): - उच्च रक्तचाप, डायबिटीज एवं पिछली चिकित्सा स्थितियाँ भी इसके जोखिम को बढ़ा सकती हैं।एंडोमेट्रियल कैंसर के लक्षण (Symptoms of Endometrial Cancer)⚠ असामान्य योनि रक्तस्राव (Abnormal Uterine Bleeding): - खासकर मेनोपॉज के बाद या मासिक धर्म के बीच में रक्तस्राव होना।⚠ पेट में दर्द एवं दबाव (Pelvic Pain and Pressure): - गर्भाशय क्षेत्र में दर्द या भारीपन का अनुभव।⚠ असामान्य योनि डिस्चार्ज (Abnormal Vaginal Discharge): - बदलते रंग या गंध वाला डिस्चार्ज दिखाई दे सकता है।⚠ अचानक वजन में गिरावट (Unintended Weight Loss): - कैंसर के प्रभाव से शरीर में पोषण की कमी हो सकती है।⚠ थकान तथा कमजोरी (Fatigue and Weakness): - लगातार थकान एवं ऊर्जा की कमी महसूस होना।एंडोमेट्रियल कैंसर का आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic Treatment for Endometrial Cancer)नोट: एंडोमेट्रियल कैंसर एक गंभीर रोग है, जिसके लिए आधुनिक चिकित्सा उपचार (जैसे सर्जरी, कीमोथेरेपी एवं रेडिएशन थेरेपी) अनिवार्य हैं। आयुर्वेदिक उपचार केवल सहायक उपाय के रूप में अपनाये जाते हैं।⚠ अश्वगंधा (Ashwagandha): - शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने तथा तनाव को कम करने में सहायक।⚠ गुड्गुल (Guggul): - गुड्गुल सूजन कम करने एवं शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालने में उपयोगी माना जाता है।⚠ हल्दी (Turmeric): - हल्दी के एंटीइंफ्लेमेटरी गुण सूजन तथा ऊतकों की मरम्मत में योगदान देते हैं।⚠ त्रिफला (Triphala): - त्रिफला पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने तथा विषहरण में सहायता प्रदान करती है।⚠ गिलोय (Giloy): - गिलोय शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को संतुलित करने एवं विषाक्तता कम करने में सहायक होती है।एंडोमेट्रियल कैंसर से बचाव एवं सहायक उपाय (Prevention and Supportive Measures for Endometrial Cancer)⚠ नियमित स्वास्थ्य जांच एवं नेत्र परीक्षण करवाएं, खासकर यदि पारिवारिक इतिहास हो। ⚠ संतुलित तथा पौष्टिक आहार लें, जिसमें ताजे फल, हरी सब्जियां, सम्पूर्ण अनाज एवं प्रोटीन शामिल हों। ⚠ नियमित व्यायाम एवं योग से शारीरिक मजबूती और संतुलन बनाए रखें। ⚠ तनाव प्रबंधन हेतु ध्यान तथा प्राणायाम का अभ्यास करें। ⚠ मोटापे एवं हार्मोनल असंतुलन पर विशेष ध्यान दें तथा चिकित्सकीय सलाह का पालन करें।निष्कर्ष (Conclusion)एंडोमेट्रियल कैंसर गर्भाशय की आंतरिक परत में विकसित होने वाला एक गंभीर रोग है, जो मुख्य रूप से हार्मोनल असंतुलन, मोटापा एवं पारिवारिक कारणों से होता है। आधुनिक चिकित्सा उपचार अनिवार्य हैं, परंतु सहायक आयुर्वेदिक उपाय, संतुलित आहार एवं स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर रोग के प्रभाव को कम किया जा सकता है तथा रिकवरी में सहयोग प्राप्त किया जा सकता है। यदि लक्षण प्रकट हों, तो तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लेना अत्यंत आवश्यक है।