पैटेंट डक्टस आर्टेरिओसस (Patent Ductus Arteriosus) - कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचारपैटेंट डक्टस आर्टेरिओसस एक जन्मजात हृदय दोष है जिसमें नवजात शिशु के दिल में फेटल जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली डक्टस आर्टेरिओसस नामक नली जन्म के बाद बंद नहीं होती। इससे ऑक्सीजन युक्त और ऑक्सीजन रहित रक्त में मिश्रण हो सकता है, जो हृदय एवं फेफड़ों पर अतिरिक्त दबाव डालता है।पैटेंट डक्टस आर्टेरिओसस के कारण⚠ आनुवंशिक कारण - माता-पिता से विरासत में प्राप्त अनुवांशिक तत्व इस दोष के विकास में योगदान कर सकते हैं।⚠ पूर्व जन्म की अवस्थाएँ - गर्भावस्था के दौरान माता में होने वाले संक्रमण या हार्मोनल असंतुलन से भी इस स्थिति का खतरा बढ़ सकता है।पैटेंट डक्टस आर्टेरिओसस के लक्षण⚠ दिल की धड़कन में अनियमितता - हृदय की धड़कन तेज या अनियमित हो सकती है, जिसे चिकित्सकीय जांच में सुना जा सकता है।⚠ सांस लेने में कठिनाई - शारीरिक प्रयास के दौरान सांस लेने में असुविधा महसूस हो सकती है।⚠ असामान्य शारीरिक विकास- नवजात या छोटे बच्चों में वजन बढ़ने में कमी और थकान का अनुभव हो सकता है।⚠ [b]हृदय शोर- चिकित्सकीय जांच में हृदय से असामान्य शोर सुनाई दे सकता है।[b]पैटेंट डक्टस आर्टेरिओसस का आयुर्वेदिक उपचार⚠ अश्वगंधा - हृदय को मजबूत बनाने एवं मानसिक तनाव कम करने में सहायक होती है।⚠ ब्राह्मी - मानसिक संतुलन बनाए रखने तथा हृदय स्वास्थ्य में सुधार लाने में मदद करती है।⚠ नीम - विषहरण एवं सूजन कम करने के गुणों से हृदय स्वास्थ्य में सुधार में योगदान देती है।⚠ त्रिफला - पाचन सुधार तथा शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालने में सहायक होती है।⚠ योग एवं ध्यान - नियमित योग तथा ध्यान से मानसिक तनाव कम होता है और समग्र स्वास्थ्य में संतुलन बना रहता है।रोकथाम के उपाय⚠ नियमित चिकित्सकीय जांच कराएं ताकि हृदय की स्थिति पर निरंतर निगरानी बनी रहे। ⚠ संतुलित आहार, पर्याप्त नींद एवं नियमित व्यायाम अपनाएं। ⚠ तनाव मुक्त जीवनशैली तथा मानसिक शांति पर ध्यान दें। ⚠ पर्यावरणीय प्रदूषण तथा विषाक्त पदार्थों से बचाव करें।निष्कर्षपैटेंट डक्टस आर्टेरिओसस एक जन्मजात हृदय दोष है जिसे सही देखभाल एवं उचित उपचार के माध्यम से प्रबंधित किया जा सकता है। आयुर्वेदिक उपचार तथा स्वस्थ जीवनशैली हृदय के समग्र स्वास्थ्य में सुधार लाने में सहायक हो सकते हैं। यदि लक्षणों में कोई परिवर्तन या वृद्धि महसूस हो तो विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श करें।