एंजेलमैन सिंड्रोम (Angelman Syndrome) - कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार
एंजेलमैन सिंड्रोम एक न्यूरोजेनेटिक विकार है जो क्रोमोसोम 15 के मातृ ओर से संबंधित दोष के कारण होता है। इस स्थिति में मानसिक विकास में देरी, भाषा विकास में कठिनाई, असामान्य हंसमुख व्यवहार एवं मोटर कौशल में समस्याएँ देखने को मिलती हैं।
एंजेलमैन सिंड्रोम के कारण
आनुवंशिक दोष
- क्रोमोसोम 15 में मातृ ओर से डिलीशन, म्यूटेशन या पितृ इम्प्रिंटिंग में गड़बड़ी के कारण यह स्थिति उत्पन्न होती है।
एंजेलमैन सिंड्रोम के लक्षण
मानसिक विकास में देरी- गहरी बौद्धिक अक्षमता एवं सीखने में कठिनाई।
⚠ [b]बातचीत में कमी- भाषा विकास में विलंब, बोलने में कठिनाई।
⚠ [b]असामान्य हंसमुख व्यवहार- बार-बार हँसना, मुस्कुराना एवं खुशमिजाज प्रवृत्ति।
⚠ [b]मोटर कौशल में समस्याएँ- अटैक्सिया, संतुलन में कमी एवं अनियमित चाल।
⚠ [b]मिर्गी के दौरे- कुछ मामलों में मिर्गी की समस्या भी देखी जाती है।
[b]एंजेलमैन सिंड्रोम का आयुर्वेदिक उपचार

अश्वगंधा- शारीरिक एवं मानसिक शक्ति बढ़ाने तथा तनाव कम करने में सहायक।
⚠ [b]ब्राह्मी- स्मरण शक्ति एवं तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने में उपयोगी।
⚠ [b]त्रिफला- पाचन सुधार तथा शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालने में मदद करती है।
⚠ [b]नीम- विषहरण एवं सूजन कम करने में लाभकारी।
⚠ [b]योग एवं ध्यान- नियमित अभ्यास से मानसिक शांति एवं शारीरिक संतुलन बनाए रखने में सहायक।
[b]रोकथाम एवं प्रबंधन के उपाय

प्रारंभिक हस्तक्षेप- विशेष शिक्षा एवं व्यवहारिक थेरेपी से विकास में सहयोग मिलता है।
⚠ [b]नियमित चिकित्सकीय जांच- विशेषज्ञ से नियमित परामर्श से लक्षणों का प्रबंधन संभव है।
⚠ [b]संतुलित आहार एवं व्यायाम- समग्र स्वास्थ्य में सुधार एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक।
[b]निष्कर्ष

एंजेलमैन सिंड्रोम एक जटिल आनुवंशिक विकार है जिसे सही देखभाल, सहायक आयुर्वेदिक उपचार एवं नियमित चिकित्सकीय प्रबंधन के माध्यम से बेहतर बनाया जा सकता है। समय पर हस्तक्षेप एवं नियमित निगरानी से जीवन की गुणवत्ता में सुधार संभव है। यदि लक्षणों में कोई परिवर्तन दिखे तो विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श करें।

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