हाइपर्सेंसिटिविटी न्यूमोनाइटिस (Hypersensitivity Pneumonitis) - कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार
हाइपर्सेंसिटिविटी न्यूमोनाइटिस एक एलर्जी-संबंधी फेफड़ों की बीमारी है, जो लंबे समय तक कुछ जैविक एलर्जेन्स जैसे धूल, कवक, पक्षी के प्रोटीन आदि के संपर्क में रहने से उत्पन्न होती है। इसमें प्रतिरक्षा प्रणाली असामान्य प्रतिक्रिया देकर फेफड़ों में सूजन पैदा कर देती है।
कारण
एलर्जेन्स का दीर्घकालिक संपर्क
- धूल, कवक के स्पोर्स, पक्षी के प्रोटीन तथा अन्य जैविक कणों से नियमित संपर्क
प्रतिरक्षा प्रणाली की अतिसंवेदनशीलता- एलर्जेन के संपर्क में आने पर अत्यधिक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया से फेफड़ों में सूजन
[b]लक्षण

सांस लेने में कठिनाई- शारीरिक प्रयास या आराम की स्थिति में भी सांस फूलना
⚠ [b]तीव्र खांसी- लगातार सूखी खांसी या बलगम सहित खांसी
⚠ [b]बुखार एवं थकान- हल्के से मध्यम बुखार के साथ सामान्य थकान
⚠ [b]छाती में जलन या दर्द- फेफड़ों में सूजन से छाती में असहजता
[b]आयुर्वेदिक उपचार

तुलसी- प्रतिरक्षा प्रणाली को संतुलित रखने एवं सूजन कम करने में सहायक
⚠ [b]अद्रक- प्राकृतिक एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से श्वसन तंत्र में राहत प्रदान करता है
⚠ [b]हल्दी- सूजन एवं जलन को कम करने हेतु उपयोगी
⚠ [b]अश्वगंधा- श्वसन स्वास्थ्य एवं समग्र ऊर्जा बढ़ाने में लाभकारी
⚠ [b]योग एवं प्राणायाम- नियमित अभ्यास से फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने तथा मानसिक तनाव कम करने में सहारा मिलता है
[b]रोकथाम के उपाय

⚠ एलर्जेन्स से बचाव हेतु स्वच्छ वातावरण एवं नियमित सफाई
⚠ वेंटिलेशन अच्छी रखने एवं फफूंद वाले स्थानों से दूरी
⚠ संतुलित आहार, पर्याप्त नींद तथा नियमित व्यायाम से समग्र स्वास्थ्य में सुधार
निष्कर्ष
हाइपर्सेंसिटिविटी न्यूमोनाइटिस एक एलर्जी-संबंधी फेफड़ों की बीमारी है जिसे पर्यावरण में बदलाव, सही देखभाल एवं सहायक आयुर्वेदिक उपचार के संयोजन से प्रबंधित किया जा सकता है। यदि लक्षणों में वृद्धि या कोई बदलाव महसूस हो तो विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श करें।

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