जठरपरिवर्तनासन (Jathar Parivartanasana) - Stomach Turning Pose
परिचय
जठरपरिवर्तनासन, जिसे Stomach Turning Pose कहा जाता है, एक योगासन है जो मुख्य रूप से पाचन तंत्र को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है। इस आसन के माध्यम से शरीर के आंतरिक अंगों में खिंचाव और संकुचन होता है, जो पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करता है। यह आसन शरीर की लचीलापन को बढ़ाने और कूल्हों तथा रीढ़ की हड्डी को मज़बूत बनाने में भी सहायक है।
विधि
1️⃣ सबसे पहले, सीधे बैठे और पैरों को सामने फैला लें।
2️⃣ अब, बाएँ पैर को मोड़ें और इसे दाहिने पैर के ऊपर रखें।
3️⃣ दाहिने हाथ को बाएँ पैर के बाहर रखें और बाएं हाथ को पीठ के पीछे रखें।
4️⃣ धीरे-धीरे अपने शरीर को दाईं ओर घुमाएं, जबकि सिर को बाईं दिशा में घुमाएं।
5️⃣ इस स्थिति में 15-30 सेकंड तक बने रहें और फिर वापस सामान्य स्थिति में आएं।
6️⃣ अब दूसरे दिशा में भी यही प्रक्रिया दोहराएं।
लाभ
✅ पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत देता है।
✅ रीढ़ की हड्डी, कंधे और पेट की मांसपेशियों को लचीला बनाता है।
✅ मानसिक शांति और संतुलन को बढ़ावा देता है।
✅ शरीर की सर्कुलेशन और रक्त प्रवाह में सुधार करता है।
✅ तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है।
सावधानियां और निषेध
🚫 यदि आपकी पीठ, गर्दन या कंधे में चोट हो, तो इस आसन को न करें।
🚫 गर्भवती महिलाओं को इस आसन से बचना चाहिए।
🚫 यदि आपको हृदय संबंधित समस्याएं या उच्च रक्तचाप है, तो इस आसन को न करें।
🚫 किसी प्रशिक्षित योगी की निगरानी में ही इस आसन का अभ्यास करें।
निष्कर्ष
जठरपरिवर्तनासन (Jathar Parivartanasana) एक प्रभावी योगासन है जो पाचन तंत्र को सशक्त बनाता है, शरीर में लचीलापन लाता है, और मानसिक शांति को बढ़ाता है। यह आसन शरीर के विभिन्न अंगों को सक्रिय करता है और तनाव को दूर करने में मदद करता है। नियमित रूप से इस आसन का अभ्यास करने से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि मानसिक संतुलन भी बनाए रहता है।

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