जानुशीर्षासन (Janu Sirsasana) - Head to Knee Pose परिचय जानुशीर्षासन, जिसे Head to Knee Pose के नाम से जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण योगासन है जो शरीर की लचीलेपन को बढ़ाने, पाचन सुधारने और मानसिक शांति प्रदान करने में सहायक होता है। यह आसन विशेष रूप से हैमस्ट्रिंग, रीढ़ और कूल्हों को सक्रिय करता है, जिससे शरीर अधिक लचीला और मजबूत बनता है। विधि ✅ समतल सतह पर बैठ जाएं और दोनों पैरों को सामने सीधा फैलाएं। ✅ दाएं पैर को मोड़ें और उसका तलवा बाईं जांघ के अंदरूनी भाग से सटा लें। ✅ लंबी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं और धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें। ✅ दोनों हाथों से बाएं पैर के पंजे को पकड़ने की कोशिश करें। ✅ सिर को धीरे-धीरे घुटने की ओर ले जाएं और पीठ को सीधा रखने का प्रयास करें। ✅ इस मुद्रा में 20-30 सेकंड तक रुकें और गहरी सांस लें। ✅ धीरे-धीरे वापस सामान्य स्थिति में आएं और दूसरी दिशा में दोहराएं। लाभ ✅ रीढ़ की हड्डी को लचीला और मजबूत बनाता है। ✅ पाचन तंत्र को सक्रिय करता है और कब्ज की समस्या को कम करता है। ✅ कूल्हों और पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करता है। ✅ मानसिक तनाव को कम करने और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। ✅ महिलाओं के लिए मासिक धर्म की समस्याओं को दूर करने में सहायक है। ✅ थकान और चिंता को कम करता है, जिससे मानसिक शांति मिलती है। सावधानियां और निषेध 🚫 पीठ दर्द या रीढ़ की हड्डी की समस्याओं से ग्रस्त लोगों को यह आसन सावधानीपूर्वक करना चाहिए। 🚫 घुटने में गंभीर चोट या सर्जरी होने पर इस आसन से बचें। 🚫 उच्च रक्तचाप या माइग्रेन की समस्या वाले लोग इसे धीरे-धीरे करें और तुरंत रुक जाएं यदि कोई असुविधा महसूस हो। 🚫 गर्भवती महिलाओं को यह आसन करने से पहले योग विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए। निष्कर्ष जानुशीर्षासन (Janu Sirsasana) एक अत्यंत प्रभावी योगासन है, जो न केवल शरीर की लचीलापन और मजबूती को बढ़ाता है बल्कि मानसिक शांति और तनाव मुक्ति भी प्रदान करता है। यह पाचन सुधारने, रीढ़ को मजबूत करने और ध्यान केंद्रित करने में सहायक है। यदि इसे सही विधि से और नियमित रूप से किया जाए, तो यह आसन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी सिद्ध हो सकता है।