अम्ब्लियोपिया (Lazy Eye) - परिचय, कारण, लक्षण, आयुर्वेदिक उपचार एवं रोकथाम के उपायपरिचय अम्ब्लियोपिया एक नेत्र विकार है जिसमें एक या दोनों आँखों की दृष्टि का विकास बाधित हो जाता है। इसे लैजी आई के नाम से भी जाना जाता है। यह स्थिति आमतौर पर बचपन में विकसित होती है तथा समय रहते उचित उपचार न होने पर स्थायी दृष्टि संबंधी समस्या का कारण बन सकती है।कारण ⚠ आँखों के बीच दृष्टि में असमानताजब एक आँख की दृष्टि कमजोर हो जाती है, तो मस्तिष्क उस आँख से प्राप्त जानकारी को अनदेखा करने लगता है। ⚠ [b]आँख की झुकी हुई स्थिति (Strabismus)जब आँखें सीधी न हों, तो मस्तिष्क एक आँख की सूचना को दबा देता है। ⚠ [b]गंभीर मायोपिया या हाइपरमेट्रोपियाइन विकारों से दोनों आँखों में दृष्टि में अंतर पैदा हो सकता है। ⚠ [b]आनुवांशिक प्रवृत्तिपारिवारिक इतिहास होने पर जोखिम बढ़ जाता है।[b]लक्षण ⚠ [b]कम दृष्टिएक या दोनों आँखों में धुंधली दृष्टि या देखने की क्षमता में कमी। ⚠ [b]दृष्टि में अंतरदोनों आँखों के बीच स्पष्ट अंतर होना। ⚠ [b]नेत्र थकानलंबे समय तक पढ़ने या कंप्यूटर उपयोग से आँखों में थकान महसूस होना। ⚠ [b]सिरदर्ददृष्टि संबंधी समस्या के कारण सिर में दबाव या दर्द होना।[b]आयुर्वेदिक उपचारअम्ब्लियोपिया के उपचार में नेत्र स्वास्थ्य को सुधारने एवं मस्तिष्क में संचार बढ़ाने पर ध्यान दिया जाता है। कुछ प्रभावी उपाय इस प्रकार हैं: ⚠ [b]ब्राह्मीब्राह्मी का अर्क मस्तिष्क की शक्ति बढ़ाने एवं नेत्र स्वास्थ्य में सुधार लाने में सहायक होता है। ⚠ [b]शतावरीशतावरी का सेवन नेत्र संबंधी समस्याओं में लाभकारी माना जाता है। ⚠ [b]त्रिफला नेत्र धोनात्रिफला के पानी से नियमित नेत्र धोने से आँखों की सफाई होती है एवं दृष्टि में सुधार की संभावना बढ़ती है। ⚠ [b]आयुर्वेदिक नेत्र वत्सल्य तेलइस तेल के उपयोग से नेत्रों में रक्त संचार बेहतर होता है तथा दृष्टि सुधार में सहायता मिलती है। ⚠ [b]योग एवं नेत्र व्यायामनियमित योग तथा नेत्र व्यायाम मस्तिष्क और आँखों के बीच समन्वय बढ़ाने में सहायक होते हैं।[b]रोकथाम के उपाय ⚠ [b]समय पर नेत्र परीक्षणबचपन में नियमित नेत्र जांच से अम्ब्लियोपिया की प्रारंभिक पहचान संभव होती है। ⚠ [b]आँखों की देखभालअत्यधिक स्क्रीन समय से बचें एवं उचित रौशनी में अध्ययन करें। ⚠ [b]संतुलित आहारपोषक तत्वों से भरपूर आहार नेत्रों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। ⚠ [b]पर्याप्त आरामपर्याप्त नींद एवं विश्राम से आँखों पर पड़ने वाला तनाव कम होता है।[b]निष्कर्षअम्ब्लियोपिया एक गंभीर नेत्र विकार है जिसमें उचित समय पर निदान एवं उपचार अत्यंत आवश्यक हैं। आयुर्वेदिक उपाय जैसे ब्राह्मी, शतावरी, त्रिफला नेत्र धोना एवं आयुर्वेदिक नेत्र वत्सल्य तेल का संयोजन तथा नियमित योग एवं नेत्र व्यायाम से दृष्टि में सुधार संभव हो सकता है। लेख सारांश के रूप में यह कह सकते हैं कि अम्ब्लियोपिया के प्रबंधन हेतु समय पर नेत्र जांच, स्वस्थ जीवनशैली एवं आयुर्वेदिक उपायों का संयोजन अत्यंत आवश्यक है; यदि लक्षण बढ़ें, तो शीघ्र विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए।