सक्लेराइटिस (Scleritis) - परिचय, कारण, लक्षण, आयुर्वेदिक उपचार एवं रोकथाम के उपायपरिचय सक्लेराइटिस एक गंभीर नेत्र विकार है जिसमें आंख की सफेद परदा अर्थात् सक्लेरा में सूजन हो जाती है। यह स्थिति अत्यधिक दर्ददायक होती है एवं अक्सर ऑटोइम्यून विकारों से जुड़ी होती है। सक्लेराइटिस के परिणामस्वरूप आंखों में गहरी लालिमा, तेज दर्द एवं दृष्टि संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं; यदि समय रहते इसका उचित उपचार न हो तो दृष्टि पर स्थायी प्रभाव पड़ सकता है।कारण ⚠ [b]ऑटोइम्यून प्रतिक्रियाएंराहत शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा सक्लेरा पर हमला करने से सूजन हो जाती है। ⚠ [b]रूमेटोइड अर्थराइटिस एवं अन्य आटोइम्यून रोगरूमेटोइड अर्थराइटिस, ल्यूपस एवं अन्य विकारों के कारण सक्लेराइटिस का विकास हो सकता है। ⚠ [b]संक्रमणबैक्टीरियल या वायरल संक्रमण भी सक्लेरा में सूजन उत्पन्न कर सकते हैं। ⚠ [b]चोट एवं बाहरी कारणआंख पर लगी चोट या बाहरी जलन से भी इस स्थिति का खतरा बढ़ जाता है।[b]लक्षण⚠ [b]तीव्र आंख दर्दआंख के भीतरी हिस्से में गहरा दर्द एवं जलन महसूस होती है। ⚠ [b]गहरी लालिमा एवं सूजनसक्लेरा पर स्पष्ट रूप से लालिमा एवं सूजन दिखाई देती है। ⚠ [b]दृष्टि में अस्पष्टतासूजन एवं दर्द के कारण देखने में धुंधलापन आ सकता है। ⚠ [b]प्रकाश के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलतातेज रोशनी में आंखों में असहजता एवं दर्द बढ़ सकता है।[b]आयुर्वेदिक उपचारसक्लेराइटिस के उपचार में आयुर्वेदिक उपाय सूजन कम करने एवं प्रतिरक्षा प्रणाली को संतुलित करने पर केंद्रित होते हैं; ⚠ [b]अश्वगंधाशरीर की शक्ति एवं प्रतिरक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करने हेतु लाभकारी है। ⚠ [b]हल्दीप्राकृतिक सूजनरोधी गुणों के कारण सूजन एवं दर्द में राहत प्रदान करती है। ⚠ [b]तुलसीतुलसी के काढ़े का सेवन संक्रमण से लड़ने एवं सूजन नियंत्रित करने में सहायक होता है। ⚠ [b]ब्राह्मीमस्तिष्क एवं नर्वस सिस्टम को मजबूत करके तनाव कम करने में मदद करता है। ⚠ [b]त्रिफला नेत्र धोनात्रिफला के पानी से नियमित नेत्र धोने से आंखों में रक्त संचार सुधरता है एवं साफ-सफाई बनी रहती है। ⚠ [b]नीमनीम के अर्क में प्राकृतिक एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं जो संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करते हैं। ⚠ [b]योग एवं प्राणायामनियमित योग, ध्यान एवं प्राणायाम से मानसिक तनाव में कमी एवं संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार होता है।[b]रोकथाम के उपाय⚠ [b]नियमित नेत्र विशेषज्ञ से जांच कराएंसक्लेराइटिस के प्रारंभिक लक्षणों का शीघ्र पता चलाने हेतु समय-समय पर जांच आवश्यक है। ⚠ [b]स्वस्थ जीवनशैली अपनाएंसंतुलित आहार, नियमित व्यायाम एवं पर्याप्त विश्राम से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत रहती है। ⚠ [b]संक्रमण एवं चोट से सावधान रहेंआंखों पर लगी चोट एवं संक्रमण के जोखिम से बचाव के लिए स्वच्छता एवं सुरक्षा उपाय अपनाएं। ⚠ [b]आयुर्वेदिक उपचार एवं योग का संयोजनआयुर्वेदिक दवाओं एवं योग, ध्यान तथा प्राणायाम के नियमित अभ्यास से आंखों के स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सकता है।[b]निष्कर्ष सक्लेराइटिस एक गंभीर नेत्र विकार है जिसमें सक्लेरा में सूजन के कारण तीव्र दर्द, लालिमा एवं दृष्टि में अस्पष्टता उत्पन्न होती है; लेख सारांश के रूप में यह कहा जा सकता है कि इस स्थिति के प्रबंधन हेतु नियमित नेत्र जांच, स्वस्थ जीवनशैली एवं आयुर्वेदिक उपचार एवं योग का संयोजन अत्यंत आवश्यक है। यदि लक्षण बढ़ें, तो शीघ्र विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए।