हॉर्डिओलम (स्टाइ) - परिचय, कारण, लक्षण, आयुर्वेदिक उपचार एवं रोकथाम के उपाय
परिचय
हॉर्डिओलम एक आम नेत्र संक्रमण है जिसमें पलक पर दर्दनाक लालिमा एवं सूजन के साथ एक छोटी गांठ विकसित हो जाती है। यह स्थिति प्रायः बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होती है, विशेषकर स्टैफिलोकोकस बैक्टीरिया के संक्रमण से। हॉर्डिओलम आमतौर पर थोड़ी देर में ठीक हो जाती है यदि समय रहते उचित उपचार किया जाए।
कारण
⚠ [b]बैक्टीरियल संक्रमणस्टैफिलोकोकस बैक्टीरिया के कारण पलक की ग्रंथियों में संक्रमण हो जाता है।
⚠ [b]पलक की असमय सफाईअपर्याप्त स्वच्छता से पलक पर बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं।
⚠ [b]तैलीय ग्रंथियों का अवरोधपलक में स्थित ग्रंथियों का अवरोध भी हॉर्डिओलम के विकास में योगदान देता है।
[b]लक्षण⚠ [b]पलक पर सूजनयुक्त गांठएक छोटी, लाल एवं दर्दनाक गांठ पलक पर दिखाई देती है।
⚠ [b]पलक में जलन एवं असुविधासंक्रमण से पलक में जलन, खुश्की एवं हल्की असुविधा महसूस होती है।
⚠ [b]आंख से पानी आनासंक्रमण के कारण आंख में थोड़ी देर के लिए पानी जैसा निकलना भी देखा जा सकता है।
[b]आयुर्वेदिक उपचार⚠ [b]तुलसी का काढ़ातुलसी के काढ़े का सेवन करने से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।
⚠ [b]अदरक का रसअदरक के रस का सेवन सूजन कम करने एवं संक्रमण से लड़ने में सहायक होता है।
⚠ [b]हल्दी का प्रयोगहल्दी के प्राकृतिक एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से पलक की सूजन में राहत मिलती है।
⚠ [b]त्रिफला नेत्र धोनात्रिफला के पानी से नियमित नेत्र धोने से पलक की सफाई बनी रहती है एवं रक्त संचार सुधरता है।
⚠ [b]आयुर्वेदिक नेत्र तेलविशेष रूप से तैयार नेत्र तेल का उपयोग करने से पलक में रक्त संचार बढ़ता है एवं जलन में आराम मिलता है।
⚠ [b]योग एवं प्राणायामनियमित योग, ध्यान एवं प्राणायाम से मानसिक तनाव कम होता है एवं संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार आता है।
[b]रोकथाम के उपाय
⚠ [b]व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखेंनियमित रूप से हाथ एवं पलक की सफाई करें।
⚠ [b]संतुलित आहार एवं पर्याप्त विश्रामपोषक तत्वों से भरपूर आहार एवं उचित आराम से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत रहती है।
⚠ [b]संक्रमण से बचावआँख एवं पलक पर धूल-मिट्टी एवं अस्वच्छता से बचाव हेतु सावधानी बरतें।
[b]निष्कर्ष
हॉर्डिओलम एक आम नेत्र संक्रमण है जिसमें पलक पर एक दर्दनाक गांठ विकसित होती है। उचित स्वच्छता, संतुलित आहार एवं आयुर्वेदिक उपचार जैसे तुलसी का काढ़ा, अदरक का रस, हल्दी एवं त्रिफला नेत्र धोना के संयोजन से इस स्थिति में राहत पाई जा सकती है। लेख सारांश के रूप में यह कहा जा सकता है कि नियमित देखभाल एवं स्वस्थ जीवनशैली हॉर्डिओलम के प्रबंधन हेतु अत्यंत आवश्यक हैं; यदि लक्षण बढ़ें, तो शीघ्र विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए।

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