अश्वसंचलनासन (Ashwa Sanchalanasana) - Equestrian Pose परिचय अश्वसंचलनासन, जिसे अंग्रेजी में Equestrian Pose कहा जाता है, सूर्य नमस्कार का एक महत्वपूर्ण चरण है। यह आसन शरीर को संतुलित रखने, पैरों की ताकत बढ़ाने और रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने में मदद करता है। अश्वसंचलनासन का अभ्यास करने से शारीरिक और मानसिक संतुलन में सुधार होता है और यह संपूर्ण शरीर को मजबूत बनाता है। विधि 1️⃣ सीधे खड़े होकर ताड़ासन की स्थिति में आएं। 2️⃣ गहरी सांस लेते हुए दाएं पैर को पीछे की ओर ले जाएं और बायां पैर आगे रखें। 3️⃣ दोनों हाथों को ज़मीन पर रखें और बाएं घुटने को 90° के कोण पर मोड़ें। 4️⃣ पीठ को सीधा रखें और छाती को ऊपर उठाएं। 5️⃣ सिर को हल्का ऊपर उठाते हुए दृष्टि सामने रखें। 6️⃣ इस स्थिति में 5-10 सेकंड रुकें और फिर धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में लौटें। 7️⃣ इसी प्रक्रिया को दूसरे पैर से दोहराएं। लाभ ✅ पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करता है और लचीलापन बढ़ाता है। ✅ रीढ़ की हड्डी को मजबूती देता है और संतुलन सुधारता है। ✅ छाती को खोलता है और श्वसन प्रणाली को बेहतर बनाता है। ✅ पाचन तंत्र को सक्रिय करता है और कब्ज जैसी समस्याओं में लाभकारी है। ✅ मानसिक तनाव को कम करता है और शरीर को ऊर्जावान बनाता है। सावधानियां और निषेध 🚫 घुटनों या टखनों में दर्द हो तो यह आसन सावधानीपूर्वक करें। 🚫 हाई ब्लड प्रेशर या हृदय रोग से पीड़ित लोग इसे करते समय ध्यान रखें। 🚫 पीठ दर्द या स्पाइनल समस्याओं वाले व्यक्ति इसे योग प्रशिक्षक की देखरेख में करें। 🚫 गर्भवती महिलाओं को यह आसन करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। निष्कर्ष अश्वसंचलनासन (Ashwa Sanchalanasana) एक प्रभावी योगासन है जो संपूर्ण शरीर को लचीला और मजबूत बनाने में मदद करता है। यह सूर्य नमस्कार का एक महत्वपूर्ण भाग है और नियमित रूप से अभ्यास करने पर यह शारीरिक शक्ति और मानसिक संतुलन को बढ़ावा देता है। सही तकनीक और सावधानियों के साथ इसे करने से अधिकतम लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।