कोलोबोमा (Coloboma) - परिचय, कारण, लक्षण, आयुर्वेदिक उपचार एवं रोकथाम के उपायपरिचय कोलोबोमा एक जन्मजात नेत्र विकार है जिसमें आंख के किसी भाग का विकास पूर्ण न होने के कारण आईरिस, रेटिना, कोरॉइड या ऑप्टिक नर्व में कमी रह जाती है। इस स्थिति से आंख की संरचनात्मक असमानता एवं दृष्टि में कमी हो सकती है। कोलोबोमा अनुवांशिक कारणों एवं विकास संबंधी त्रुटियों के कारण उत्पन्न होता है।[b]कारण ⚠ [b]अनुवांशिक दोषपरिवारिक इतिहास एवं जीन में होने वाले परिवर्तन के कारण कोलोबोमा विकसित हो सकता है। ⚠ [b]गर्भावस्था में संक्रमण एवं पोषण की कमीगर्भावस्था के दौरान माँ का संक्रमण या पोषण में कमी से नेत्र विकास प्रभावित हो सकता है। ⚠ [b]विकास संबंधी त्रुटियांअसामान्य भ्रूण विकास के कारण आंख के कुछ हिस्सों का पूर्ण विकास नहीं हो पाता।[b]लक्षण ⚠ [b]आईरिस या रेटिना में असामान्यताअक्सर आईरिस में एक अनुपस्थित या विकृत हिस्सा देखा जाता है। ⚠ [b]केंद्रीय दृष्टि में कमीमध्य दृष्टि प्रभावित होने से वस्तुएं अस्पष्ट दिखाई दे सकती हैं। ⚠ [b]दृष्टि में विकृतिकभी-कभी आंख की संरचनात्मक असमानता से नजर में धुंधलापन एवं विकृति हो सकती है। ⚠ [b]अन्य नेत्रीय समस्याएंकई मामलों में साथ में ग्लूकोमा या रेटिनल विकार विकसित होने का जोखिम भी रहता है।[b]आयुर्वेदिक उपचार ⚠ [b]त्रिफला नेत्र धोनात्रिफला के पानी से नियमित नेत्र धोने से आंखों की सफाई बनी रहती है एवं रक्त संचार में सुधार होता है। ⚠ [b]अश्वगंधाअश्वगंधा का सेवन शरीर की शक्ति बढ़ाने एवं प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में सहायक होता है। ⚠ [b]ब्राह्मीब्राह्मी का सेवन मानसिक संतुलन एवं नेत्र स्वास्थ्य में सुधार लाने में लाभकारी माना जाता है। ⚠ [b]हल्दीहल्दी के प्राकृतिक सूजनरोधी गुण नेत्रीय ऊतकों में सूजन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। ⚠ [b]तुलसी का काढ़ातुलसी का काढ़ा सेवन करने से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है एवं संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार आता है। ⚠ [b]योग एवं प्राणायामनियमित योग, ध्यान एवं अनुलोम-विलोम प्राणायाम से मानसिक तनाव कम होता है एवं रक्त परिसंचरण में सुधार होता है।[b]रोकथाम के उपाय ⚠ [b]प्रारंभिक जांच एवं अनुवांशिक परामर्शजन्मजात विकार होने के कारण परिवारिक इतिहास की जांच एवं अनुवांशिक परामर्श महत्वपूर्ण है। ⚠ [b]गर्भावस्था में सावधानीमाँ का संतुलित आहार, संक्रमण से बचाव एवं उचित पोषण से भ्रूण विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ⚠ [b]नियमित नेत्र विशेषज्ञ से जांचशिशुओं एवं बच्चों में नियमित नेत्र जांच से किसी भी परिवर्तन का शीघ्र पता चल सकता है।[b]निष्कर्ष कोलोबोमा एक जन्मजात नेत्र विकार है जिसमें आंख के विकास में कमी रह जाती है। नियमित नेत्र जांच, स्वस्थ गर्भावस्था एवं अनुवांशिक परामर्श के साथ आयुर्वेदिक उपचार जैसे त्रिफला नेत्र धोना, अश्वगंधा, ब्राह्मी, हल्दी एवं तुलसी के काढ़े का संयोजन तथा नियमित योग एवं प्राणायाम से स्थिति के प्रबंधन में सहायता मिल सकती है; यदि लक्षणों में कोई परिवर्तन दिखाई दें, तो शीघ्र विशेषज्ञ से परामर्श करना अत्यंत आवश्यक है।