मैपल सिरप यूरिन डिजीज (Maple Syrup Urine Disease) - परिचय, कारण, लक्षण, आयुर्वेदिक उपचार एवं रोकथाम के उपायपरिचय मैपल सिरप यूरिन डिजीज एक आनुवांशिक चयापचय विकार है जिसमें ब्रांच्ड-चेन अमीनो एसिड्स – ल्यूसीन, आइसोल्यूसीन एवं वेलिन – का अपघटन ठीक से नहीं हो पाता है। इससे इन अमीनो एसिड्स का स्तर बढ़ जाता है और उनके अपघटन उत्पाद शरीर में जमा हो जाते हैं। रोग का नाम इसलिए पड़ा क्योंकि प्रभावित बच्चों के मूत्र की महक मैपल सिरप जैसी होती है। यह विकार नवजात अवस्था में ही प्रकट होता है और समय पर उपचार न होने पर न्यूरोटॉक्सिसिटी एवं अन्य ऊतकीय समस्याओं का कारण बन सकता है।कारण ⚠ [b]जेनेटिक उत्परिवर्तनयह रोग ऑटोसोमल रिसेसिव तरीके से संचरित होता है जिसमें ब्रांच्ड-चेन α-कीटो एसिड डिहाइड्रोजनेज कॉम्प्लेक्स में उत्परिवर्तन होता है। ⚠ [b]अमीनो एसिड्स का संचयउचित अपघटन न होने के कारण अमीनो एसिड्स और उनके अपघटन उत्पाद शरीर में जमा हो जाते हैं, जिससे तंत्रिका तंत्र और अन्य ऊतकों में विषाक्तता बढ़ जाती है। ⚠ [b]परिवारिक इतिहासयदि परिवार में इस विकार का इतिहास हो, तो नवजात में इसकी संभावना बढ़ जाती है।[b]लक्षण⚠ [b]मूत्र की मीठी गंधरोग का प्रमुख संकेत है – प्रभावित बच्चे के मूत्र से मैपल सिरप जैसी मीठी महक आती है। ⚠ [b]न्यूरोलॉजिकल लक्षणउत्तेजना, चिड़चिड़ापन, मूड में बदलाव, झटके, और कुछ मामलों में मानसिक विकास में मंदता। ⚠ [b]शारीरिक कमजोरी एवं विकास में बाधाबच्चों में वजन कम होना, मांसपेशियों में कमजोरी एवं सामान्य विकास में देरी हो सकती है। ⚠ [b]मतली एवं उल्टीखाने के तुरंत बाद मतली या उल्टी के लक्षण भी प्रकट हो सकते हैं।[b]आयुर्वेदिक उपचारहालांकि मैपल सिरप यूरिन डिजीज का मुख्य उपचार आधुनिक चिकित्सा द्वारा किया जाता है, आयुर्वेदिक उपाय रोगी के समग्र स्वास्थ्य में सुधार एवं प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में सहायक हो सकते हैं: ⚠ [b]त्रिफलात्रिफला का सेवन पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है एवं शरीर से विषाक्त पदार्थों के निष्कासन में मदद करता है। ⚠ [b]अश्वगंधाअश्वगंधा शरीर की शक्ति बढ़ाने एवं तनाव कम करने में सहायक होती है, जिससे समग्र स्वास्थ्य में सुधार आता है। ⚠ [b]ब्राह्मीब्राह्मी का सेवन मानसिक संतुलन एवं न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य सुधार में लाभकारी माना जाता है। ⚠ [b]हल्दीहल्दी के प्राकृतिक सूजनरोधी गुण शरीर में सूजन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। ⚠ [b]तुलसी का काढ़ातुलसी का काढ़ा प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होता है। ⚠ [b]योग एवं प्राणायामनियमित योग, ध्यान एवं अनुलोम-विलोम प्राणायाम से मानसिक तनाव में कमी आती है तथा रक्त परिसंचरण बेहतर होता है, जिससे ऊतकों को पर्याप्त पोषण मिलता है।[b]रोकथाम के उपाय ⚠ [b]अनुवांशिक परामर्शपरिवार में इस विकार के इतिहास होने पर गर्भावस्था से पहले अनुवांशिक परामर्श लेना लाभकारी हो सकता है। ⚠ [b]नवजात स्क्रीनिंगनवजात शिशुओं में प्रारंभिक जांच एवं स्क्रीनिंग से इस रोग का शीघ्र पता चल सकता है। ⚠ [b]स्वस्थ जीवनशैलीसंतुलित आहार, नियमित व्यायाम एवं पर्याप्त विश्राम से संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार होता है। ⚠ [b]पर्यावरणीय प्रदूषण से बचावपर्यावरणीय प्रदूषण एवं हानिकारक रसायनों से बचाव से भी समग्र स्वास्थ्य में सुधार आता है।[b]निष्कर्ष मैपल सिरप यूरिन डिजीज एक गंभीर आनुवांशिक चयापचय विकार है जिसमें ब्रांच्ड-चेन अमीनो एसिड्स का संचय न्यूरोटॉक्सिसिटी एवं अन्य ऊतकीय समस्याओं का कारण बनता है। उचित चिकित्सकीय देखरेख, प्रारंभिक पहचान, संतुलित आहार एवं स्वस्थ जीवनशैली के साथ आयुर्वेदिक उपचार का संयोजन रोग के प्रभाव को कम करने एवं रोगी के जीवन स्तर में सुधार लाने में सहायक हो सकता है; यदि लक्षण बढ़ें, तो शीघ्र विशेषज्ञ से परामर्श करना अत्यंत आवश्यक है।