सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) - योग का संपूर्ण व्यायामपरिचय सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) एक प्राचीन योग आसन है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है। यह 12 विभिन्न योग आसनों का एक संयोजन है, जिसे विशेष रूप से सुबह सूर्योदय के समय किया जाता है। सूर्य नमस्कार से शरीर को ताजगी मिलती है, मानसिक शांति प्राप्त होती है और शरीर के सभी अंगों को मजबूती मिलती है। यह व्यायाम शरीर की लचीलापन, संतुलन और ताकत को बढ़ाता है।विधि 1. प्रणामासन (Pranamasana) - खड़े होकर दोनों हाथ जोड़ें और श्वास लें। 2. हस्तउत्तानासन (Hasta Uttanasana) - हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं और शरीर को खींचें। 3. पादहस्तासन (Padahastasana) - शरीर को आगे झुका कर हाथों को पैरों के पास रखें। 4. अश्वसंचलनासन (Ashwa Sanchalanasana) - एक पैर को पीछे की ओर ले जाएं और अन्य पैर को सामने रखें। 5. दण्डासन (Dandasana) - शरीर को सीधा रखें और हाथों को जमीन पर रखें। 6. अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskara) - घुटने, छाती और ठुड्डी को जमीन पर रखें। 7. भुजंगासन (Bhujangasana) - शरीर को ऊपर उठाकर छाती को फैलाएं। 8. आद्मवतासन (Adho Mukha Svanasana) - शरीर को ऊंचा उठाकर उल्टा वी आकार बनाएं। 9. अश्वसंचलनासन (Ashwa Sanchalanasana) - पहले जैसा पैर पीछे की ओर ले जाएं। 10. पादहस्तासन (Padahastasana) - शरीर को आगे झुका कर हाथों को पैरों के पास रखें। 11. हस्तउत्तानासन (Hasta Uttanasana) - हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं और शरीर को खींचें। 12. प्रणामासन (Pranamasana) - दोनों हाथ जोड़ें और शरीर को आराम की स्थिति में रखें।लाभ ✅ पूरे शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करता है। ✅ रक्त संचार में सुधार करता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। ✅ मानसिक तनाव को कम करता है और शांति का अनुभव कराता है। ✅ लचीलापन और संतुलन को बढ़ाता है। ✅ शरीर के मोटापे को कम करने में मदद करता है। ✅ हड्डियों और जोड़ों को मजबूत बनाता है। ✅ पाचन क्रिया को बेहतर करता है और वजन घटाने में मदद करता है। ✅ हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है।सावधानियां और निषेध 🚫 यदि आपके पास हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, गर्भावस्था या कंधे/पीठ/घुटने की चोटें हैं, तो सूर्य नमस्कार से बचें या चिकित्सक से परामर्श लें। 🚫 इसे खाली पेट करना सर्वोत्तम है, लेकिन भारी भोजन के बाद इसे करने से बचें। 🚫 सुनिश्चित करें कि आपके शरीर का संतुलन ठीक रहे, ताकि कोई चोट न लगे। 🚫 यदि आप शुरुआत कर रहे हैं, तो धीरे-धीरे आसनों का अभ्यास करें। 🚫 गलत तरीके से इसे करने से पीठ, कंधे या गर्दन में दर्द हो सकता है, इसलिए सही तकनीक का पालन करें। निष्कर्ष सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) एक शक्तिशाली और संपूर्ण शरीर को सशक्त बनाने वाला व्यायाम है। यह शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी है। इसके नियमित अभ्यास से शरीर की लचीलापन, ताकत, और संतुलन में सुधार होता है, साथ ही यह मानसिक शांति और ऊर्जा का संचार भी करता है। हालांकि, इसे सही तरीके से और सही समय पर करना जरूरी है, ताकि आप इसके अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकें।