स्टर्ज-विबर सिंड्रोम (Sturge-Weber Syndrome) - परिचय, कारण, लक्षण, आयुर्वेदिक उपचार एवं रोकथाम के उपायपरिचय स्टर्ज-विबर सिंड्रोम एक जन्मजात नेउरो-क्यूटेनियस विकार है जिसमें चेहरे पर विशेष रूप से ऊपरी भाग में पोर्ट-वाइन स्टेन (लाल-नीला धब्बा) दिखाई देता है। इस विकार में मस्तिष्क की ऊतकों में असामान्य रक्त वाहिकाएँ (लेप्टोमेनिंजियल एंजियोमा) भी विकसित हो सकती हैं, जिससे न्यूरोलॉजिकल लक्षण जैसे मिर्गी, सिरदर्द एवं दृष्टि संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।[b]कारण⚠ [b]जीन उत्परिवर्तनयह विकार मुख्य रूप से GNAQ जीन में उत्परिवर्तन के कारण होता है, जो जन्मजात होता है और आमतौर पर परिवार में विरासत में नहीं मिलता। ⚠ [b]स्पोरेडिक घटनास्टर्ज-विबर सिंड्रोम अक्सर अचानक विकसित होता है, जिससे इसका कोई स्पष्ट पारिवारिक इतिहास नहीं होता।[b]लक्षण⚠ [b]चेहरे पर पोर्ट-वाइन स्टेनचेहरे पर लाल-नीले रंग के स्थायी धब्बे, विशेषकर आंख के ऊपर और नाक के आसपास दिखाई देते हैं। ⚠ [b]मस्तिष्कीय लक्षणमिर्गी, सिरदर्द, विकास में देरी तथा संज्ञानात्मक समस्याएं हो सकती हैं। ⚠ [b]नेत्र संबंधी समस्याएंग्लूकोमा, दृष्टि में कमी एवं आंखों में असुविधा के लक्षण देखे जा सकते हैं।[b]आयुर्वेदिक उपचारहालांकि स्टर्ज-विबर सिंड्रोम का प्रत्यक्ष उपचार आधुनिक चिकित्सा द्वारा किया जाता है, आयुर्वेदिक उपाय रोगी के समग्र स्वास्थ्य को सुधारने एवं तनाव कम करने में सहायक हो सकते हैं: ⚠ [b]अश्वगंधाअश्वगंधा का सेवन शरीर की शक्ति बढ़ाने एवं मानसिक तनाव कम करने में उपयोगी है। ⚠ [b]ब्राह्मीब्राह्मी का सेवन स्मरण शक्ति एवं तंत्रिका तंत्र के संतुलन में सहायक माना जाता है। ⚠ [b]त्रिफलात्रिफला पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है एवं शरीर से विषाक्त पदार्थों के निष्कासन में मदद करता है। ⚠ [b]हल्दीहल्दी के प्राकृतिक सूजनरोधी गुण मस्तिष्क एवं नेत्र ऊतकों में सूजन को नियंत्रित करने में सहायक हो सकते हैं। ⚠ [b]तुलसी का काढ़ातुलसी का काढ़ा प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार लाने में मदद करता है। ⚠ [b]योग एवं प्राणायामनियमित योग, ध्यान एवं अनुलोम-विलोम प्राणायाम से मानसिक तनाव में कमी एवं रक्त परिसंचरण में सुधार होता है, जो समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।[b]रोकथाम के उपाय⚠ [b]प्रारंभिक निदान एवं नियमित जांचमस्तिष्क एवं नेत्र विशेषज्ञ से नियमित जांच कराना महत्वपूर्ण है ताकि न्यूरोलॉजिकल एवं नेत्र संबंधी समस्याओं का शीघ्र पता चल सके। ⚠ [b]स्वस्थ जीवनशैलीसंतुलित आहार, नियमित व्यायाम एवं पर्याप्त विश्राम से समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है। ⚠ [b]तनाव प्रबंधनमानसिक तनाव को नियंत्रित रखने हेतु योग, ध्यान एवं प्राणायाम का नियमित अभ्यास करें। ⚠ [b]धूप से सुरक्षाग्लूकोमा एवं अन्य नेत्रीय समस्याओं से बचाव हेतु सुरक्षात्मक चश्मा पहनना आवश्यक है।[b]निष्कर्षस्टर्ज-विबर सिंड्रोम एक गंभीर जन्मजात विकार है जिसमें चेहरे पर पोर्ट-वाइन स्टेन, मस्तिष्क में असामान्य रक्त वाहिकाएँ एवं नेत्र संबंधी समस्याएं शामिल हैं। उचित चिकित्सकीय देखरेख, नियमित जांच एवं स्वस्थ जीवनशैली के साथ आयुर्वेदिक उपचार का संयोजन रोगी के समग्र स्वास्थ्य में सुधार लाने में सहायक हो सकता है। यदि लक्षण बढ़ें या मिर्गी एवं अन्य न्यूरोलॉजिकल लक्षणों में परिवर्तन आएं, तो शीघ्र विशेषज्ञ से परामर्श करना अत्यंत आवश्यक है।