पैजेट्स डिजीज ऑफ बोन (Pagets Disease of Bone) - परिचय, कारण, लक्षण, आयुर्वेदिक उपचार एवं रोकथाम के उपायपरिचय पैजेट्स डिजीज ऑफ बोन एक पुरानी हड्डी विकार है जिसमें हड्डियों में असामान्य हड्डी निर्माण एवं विघटन की प्रक्रिया तेजी से चलती है। इससे हड्डियाँ मोटी, कमजोर एवं विकृत हो जाती हैं, जिससे हड्डी में दर्द, असंतुलन एवं कभी-कभार जोड़ों में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।[b]कारण⚠ [b]असामान्य हड्डी निर्माण प्रक्रियाहड्डी के निर्माण एवं विघटन में असंतुलन के कारण हड्डियाँ अत्यधिक सक्रिय रूप से पुनर्निर्मित होती हैं, जिससे उनका संतुलन बिगड़ जाता है। ⚠ [b]आनुवांशिक कारकपरिवार में इस विकार का इतिहास होने से जोखिम बढ़ सकता है। ⚠ [b]पर्यावरणीय एवं हॉर्मोनल असंतुलनकुछ मामलों में पर्यावरणीय ट्रिगर्स एवं हॉर्मोनल असंतुलन भी पैजेट्स डिजीज के विकास में योगदान दे सकते हैं।[b]लक्षण ⚠ [b]हड्डी में दर्दअक्सर प्रभावित हड्डियों में लगातार दर्द एवं असुविधा होती है। ⚠ [b]विकृत हड्डी संरचनाहड्डियाँ मोटी, विकृत एवं कमजोर हो जाती हैं, जिससे शरीर में असंतुलन एवं झुकाव देखने को मिलता है। ⚠ [b]जोड़ों में अकड़नजोड़ों में सूजन, अकड़न एवं गतिशीलता में कमी उत्पन्न हो सकती है। ⚠ [b]दैनिक गतिविधियों में बाधाचलने-फिरने, उठने-बैठने एवं अन्य सामान्य कार्यों में कठिनाई होती है।[b]आयुर्वेदिक उपचार ⚠ [b]अश्वगंधाअश्वगंधा का सेवन शरीर की शक्ति बढ़ाने एवं सूजन नियंत्रित करने में सहायक होता है। ⚠ [b]ब्राह्मीब्राह्मी का सेवन मानसिक तनाव कम कर न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य में सुधार लाने में उपयोगी होता है। ⚠ [b]हल्दीहल्दी के प्राकृतिक सूजनरोधी गुण हड्डियों में सूजन को नियंत्रित करने एवं दर्द कम करने में मदद करते हैं। ⚠ [b]त्रिफलात्रिफला का नियमित सेवन पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है एवं विषाक्त पदार्थों के निष्कासन में सहायक होता है। ⚠ [b]तुलसी का काढ़ातुलसी का काढ़ा प्रतिरक्षा प्रणाली को सुदृढ़ कर संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार लाने में लाभकारी होता है। ⚠ [b]योग एवं प्राणायामनियमित योग, ध्यान एवं अनुलोम-विलोम प्राणायाम से मानसिक तनाव में कमी एवं रक्त परिसंचरण में सुधार होता है, जिससे हड्डियों तक पर्याप्त पोषण पहुँचता है।[b]रोकथाम के उपाय ⚠ [b]नियमित चिकित्सकीय जांच कराएंसमय-समय पर विशेषज्ञ द्वारा जांच कराएं ताकि प्रारंभिक बदलाव का शीघ्र पता चल सके। ⚠ [b]संतुलित आहार एवं पोषणविटामिन, मिनरल एवं प्रोटीन युक्त संतुलित आहार हड्डियों के स्वास्थ्य में सहायक होता है। ⚠ [b]नियमित व्यायाम एवं फिजिकल थेरेपीहल्के व्यायाम एवं फिजिकल थेरेपी से हड्डियों एवं जोड़ों की मजबूती बनाए रखने में मदद मिलती है। ⚠ [b]तनाव प्रबंधन करेंयोग, ध्यान एवं पर्याप्त विश्राम से मानसिक तनाव को नियंत्रित रखें। ⚠ [b]पर्यावरणीय प्रदूषण एवं हानिकारक आदतों से बचेंधूम्रपान एवं प्रदूषण से बचाव से संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार होता है।[b]निष्कर्षपैजेट्स डिजीज ऑफ बोन एक पुरानी हड्डी विकार है जिसमें असामान्य हड्डी निर्माण प्रक्रिया के कारण हड्डियाँ कमजोर एवं विकृत हो जाती हैं। उचित चिकित्सकीय देखरेख, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम एवं तनाव प्रबंधन के साथ आयुर्वेदिक उपचार – जैसे अश्वगंधा, ब्राह्मी, हल्दी, त्रिफला एवं तुलसी का काढ़ा तथा नियमित योग एवं प्राणायाम – का संयोजन रोग के प्रभाव को कम करने एवं जीवन स्तर में सुधार लाने में सहायक हो सकता है; यदि लक्षण बढ़ें, तो शीघ्र विशेषज्ञ से परामर्श करना अत्यंत आवश्यक है।