कंडक्ट डिसऑर्डर (Conduct Disorder) - परिचय, कारण, लक्षण, आयुर्वेदिक उपचार एवं रोकथाम के उपाय
परिचय
कंडक्ट डिसऑर्डर एक मनोवैज्ञानिक विकार है जो मुख्यतः बचपन एवं किशोरावस्था में प्रकट होता है। इसमें रोगी लगातार सामाजिक नियमों, अधिकारों एवं मानवीय संवेदनाओं का उल्लंघन करते हैं। ऐसे बच्चे अक्सर आक्रामक, विध्वंसात्मक, झूठे एवं चोरी करने वाले व्यवहार प्रदर्शित करते हैं, जिससे परिवार, स्कूल एवं समाज में गंभीर समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।
कारण
आनुवांशिक एवं न्यूरोबायोलॉजिकल कारण
परिवार में मनोवैज्ञानिक विकारों का इतिहास होने से जोखिम बढ़ जाता है।
⚠ [b]पारिवारिक एवं सामाजिक वातावरणअसंगत पालन-पोषण, अनियमित अनुशासन, पारिवारिक तनाव एवं हिंसा बच्चों के व्यवहार पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
⚠ [b]मनोवैज्ञानिक आघातबच्चों में शारीरिक या भावनात्मक दुर्व्यवहार, आघात या अत्यधिक दबाव से भी यह विकार विकसित हो सकता है।
⚠ [b]स्कूल एवं सामाजिक दबावशैक्षिक विफलता या सामाजिक असफलता के अनुभव से भी नकारात्मक व्यवहार प्रोत्साहित हो सकता है।
[b]लक्षण
⚠ [b]आक्रामक एवं हिंसक व्यवहारबच्चे अक्सर दूसरों के प्रति आक्रामक, शारीरिक हिंसा या धमकी देते हैं।
⚠ [b]नियमों एवं अधिकारों का उल्लंघनरोगी में लगातार नियमों का उल्लंघन, चोरी, झूठ बोलना एवं दंड देने का व्यवहार देखा जाता है।
⚠ [b]अनुशासनहीनता एवं विद्रोहआदेशों का इंकार करना, प्राधिकरण के प्रति विरोध करना एवं दूसरों की भावनाओं का अपमान करना।
⚠ [b]समूह में असामान्य गतिविधियांकभी-कभार ऐसे बच्चे समूह में जुड़कर विध्वंसात्मक गतिविधियों में संलग्न हो जाते हैं।
[b]आयुर्वेदिक उपचार
⚠ [b]अश्वगंधाअश्वगंधा का सेवन शरीर की शक्ति बढ़ाने एवं मानसिक तनाव कम करने में सहायक होता है।
⚠ [b]ब्राह्मीब्राह्मी मानसिक संतुलन सुधारने, स्मरण शक्ति बढ़ाने एवं ध्यान केंद्रित करने में लाभकारी है।
⚠ [b]शंखपुष्पीशंखपुष्पी का उपयोग तंत्रिका तंत्र के स्वास्थ्य में सुधार एवं मानसिक स्थिरता बढ़ाने के लिए किया जाता है।
⚠ [b]तुलसी का काढ़ातुलसी के काढ़े का सेवन प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने एवं तनाव को कम करने में सहायक होता है।
⚠ [b]त्रिफलात्रिफला का नियमित सेवन पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों के निष्कासन में मदद करता है।
⚠ [b]योग एवं प्राणायामनियमित योग, ध्यान एवं अनुलोम-विलोम प्राणायाम से मानसिक तनाव कम होता है, जिससे बच्चों के व्यवहार में सुधार लाने में सहायता मिलती है।
[b]रोकथाम के उपाय
⚠ [b]जल्द निदान एवं मनोवैज्ञानिक परामर्शबचपन में ही मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञ द्वारा निदान एवं परामर्श से स्थिति का शीघ्र प्रबंधन संभव है।
⚠ [b]सकारात्मक पारिवारिक वातावरणसमर्थनपूर्ण परिवारिक माहौल, उचित अनुशासन एवं सकारात्मक संवाद से बच्चों में स्वस्थ व्यवहार विकसित होता है।
⚠ [b]शैक्षिक एवं सामाजिक समर्थनस्कूल एवं समाज में सकारात्मक वातावरण एवं सहायक शिक्षण व्यवस्था बच्चों के आत्मविश्वास एवं सामाजिक व्यवहार में सुधार लाती है।
⚠ [b]स्वस्थ जीवनशैली अपनाएंसंतुलित आहार, नियमित व्यायाम एवं पर्याप्त नींद बच्चों के संपूर्ण विकास में सहायक होती है।
⚠ [b]तनाव प्रबंधनयोग, ध्यान एवं रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से मानसिक तनाव को नियंत्रित करना भी महत्वपूर्ण है।
[b]निष्कर्षकंडक्ट डिसऑर्डर एक गंभीर मनोवैज्ञानिक विकार है जिसमें बच्चों में लगातार आक्रामक, विध्वंसात्मक एवं असामाजिक व्यवहार देखने को मिलता है। समय पर निदान, सकारात्मक पारिवारिक एवं सामाजिक वातावरण, स्वस्थ जीवनशैली एवं आयुर्वेदिक उपचार – जैसे अश्वगंधा, ब्राह्मी, शंखपुष्पी, तुलसी, त्रिफला एवं नियमित योग एवं प्राणायाम – का संयोजन बच्चों के व्यवहार में सुधार लाने एवं विकार के प्रभाव को कम करने में सहायक हो सकता है; यदि लक्षणों में कोई परिवर्तन दिखाई दे, तो शीघ्र विशेषज्ञ से परामर्श करना अत्यंत आवश्यक है।

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