डिलूज़नल डिसऑर्डर (Delusional Disorder) - परिचय, कारण, लक्षण, आयुर्वेदिक उपचार एवं रोकथाम के उपायपरिचय डिलूज़नल डिसऑर्डर एक मानसिक विकार है जिसमें व्यक्ति को वास्तविकता से मेल नहीं खाते स्थायी झूठे विश्वास होते हैं जिन्हें डिलूज़न कहते हैं। ऐसे विश्वास व्यक्ति के सोच विचार एवं सामाजिक व्यवहार पर गहरा प्रभाव डालते हैं तथा पारिवारिक एवं पेशेवर जीवन में बाधाएँ उत्पन्न करते हैं।कारण ⚠ आनुवांशिक प्रवृत्ति परिवार में मनोवैज्ञानिक विकारों का इतिहास होने से जोखिम बढ़ जाता है ⚠ मनोवैज्ञानिक आघात भावनात्मक आघात या दुर्व्यवहार से व्यक्ति में डिलूज़न विकसित होने की संभावना अधिक होती है ⚠ न्यूरोकेमिकल असंतुलन मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर के स्तर में असंतुलन भी इस विकार के विकास में योगदान देता है ⚠ पर्यावरणीय ट्रिगर्स तनावपूर्ण पारिवारिक वातावरण एवं सामाजिक दबाव डिलूज़न को उत्तेजित कर सकते हैंलक्षण⚠ [b]स्थायी झूठे विश्वास व्यक्ति के मन में ऐसे विश्वास पनपते हैं जो असामान्य होते हैं एवं वास्तविकता से परे होते हैं ⚠ सामाजिक संबंधों में विघटन इन झूठे विश्वासों के कारण व्यक्ति के पारिवारिक, दोस्ताना एवं कार्यस्थल संबंध प्रभावित होते हैं ⚠ व्यक्तिगत कार्यक्षमता में मामूली कमी अक्सर व्यक्ति की सामान्य कार्यक्षमता बनी रहती है परंतु उनके डिलूज़न उनके व्यवहार पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं ⚠ आक्रामक या हिंसात्मक प्रवृत्तिकुछ मामलों में डिलूज़न के कारण व्यक्ति आक्रामक व्यवहार भी कर सकता है[b]आयुर्वेदिक उपचार⚠ [b]अश्वगंधा अश्वगंधा का सेवन मानसिक शक्ति बढ़ाने एवं तनाव कम करने में सहायक होता है ⚠ ब्राह्मी ब्राह्मी मानसिक संतुलन एवं स्मरण शक्ति में सुधार लाने में उपयोगी है ⚠ शंखपुष्पी शंखपुष्पी तंत्रिका तंत्र को स्थिर रखने एवं मन को शांत करने में लाभकारी मानी जाती है ⚠ त्रिफला त्रिफला का नियमित सेवन पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है एवं शरीर से विषाक्त पदार्थों के निष्कासन में मदद करता है ⚠ हल्दी हल्दी के प्राकृतिक सूजनरोधी गुण मानसिक तनाव एवं न्यूरोलॉजिकल असंतुलन को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं ⚠ योग एवं प्राणायाम नियमित योग, ध्यान एवं अनुलोम-विलोम प्राणायाम से मानसिक तनाव में कमी एवं रक्त परिसंचरण में सुधार होता है जिससे मस्तिष्क तक पोषण बेहतर पहुँचता है[b]रोकथाम के उपाय⚠ [b]नियमित मनोवैज्ञानिक परामर्शसमय पर विशेषज्ञ से परामर्श लेने से शुरुआती लक्षणों का शीघ्र पता चलता है ⚠ [b]सकारात्मक पारिवारिक एवं सामाजिक वातावरणसमर्थनपूर्ण परिवारिक माहौल एवं सकारात्मक सामाजिक संबंध मानसिक स्वास्थ्य को स्थिर रखने में सहायक होते हैं ⚠ [b]संतुलित आहार एवं नियमित व्यायामपोषक तत्वों से भरपूर आहार एवं नियमित शारीरिक गतिविधि मानसिक तथा शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार लाती हैं ⚠ [b]तनाव प्रबंधनयोग, ध्यान एवं रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से मानसिक तनाव को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है[b]निष्कर्षडिलूज़नल डिसऑर्डर एक गंभीर मानसिक विकार है जिसमें झूठे विश्वास व्यक्ति के सामाजिक एवं व्यक्तिगत जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। उचित चिकित्सकीय देखरेख, सकारात्मक सामाजिक वातावरण, संतुलित आहार एवं नियमित व्यायाम के साथ आयुर्वेदिक उपचार – जैसे अश्वगंधा, ब्राह्मी, शंखपुष्पी, त्रिफला, हल्दी एवं नियमित योग एवं प्राणायाम – का संयोजन इस विकार के प्रबंधन में सहायक हो सकता है; यदि लक्षणों में कोई परिवर्तन दिखाई दे, तो शीघ्र विशेषज्ञ से परामर्श करना अत्यंत आवश्यक है।