कन्वर्शन डिसऑर्डर (Conversion Disorder) - परिचय, कारण, लक्षण, आयुर्वेदिक उपचार एवं रोकथाम के उपाय
परिचय
कन्वर्शन डिसऑर्डर एक मनोवैज्ञानिक विकार है जिसमें मानसिक तनाव, आघात या दबाव के कारण शरीर में ऐसे लक्षण प्रकट होते हैं जो किसी भी चिकित्सकीय कारण से संबंधित नहीं होते। इसमें व्यक्ति को अचानक पक्षाघात, दृष्टि, सुनने या बोलने में असमर्थता, मांसपेशियों में कमजोरी आदि लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जबकि मेडिकल जांच में कोई स्पष्ट जैविक कारण नहीं मिलता।
कारण
मनोवैज्ञानिक तनाव एवं आघात
बचपन या वयस्क अवस्था में अत्यधिक मानसिक दबाव, आघात या दुर्व्यवहार के कारण व्यक्ति का मन शारीरिक लक्षणों में बदल जाता है।
न्यूरोकेमिकल असंतुलन
मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर के स्तर में असंतुलन भी इन लक्षणों के विकास में भूमिका निभा सकता है।
⚠ [b]आनुवांशिक प्रवृत्तिपरिवार में मानसिक विकारों का इतिहास होने से जोखिम बढ़ सकता है।
[b]लक्षण⚠ [b]शारीरिक लक्षणों का प्रकट होनापैर या हाथ का सुन्न पड़ जाना, चलने में कठिनाई, बोलने में अटकन आदि लक्षण हो सकते हैं।
⚠ [b]मनोवैज्ञानिक चिंता एवं भ्रमअसामान्य लक्षणों के कारण अत्यधिक चिंता, भ्रम एवं निराशा महसूस होती है।
⚠ [b]चिकित्सकीय जांच में कोई स्पष्ट कारण न होनाजांच में किसी जैविक कारण का पता नहीं चलना कन्वर्शन डिसऑर्डर की पहचान में सहायक होता है।
[b]आयुर्वेदिक उपचार⚠ [b]अश्वगंधाअश्वगंधा का सेवन मानसिक तनाव कम करने एवं शारीरिक ऊर्जा बढ़ाने में सहायक होता है।
⚠ [b]ब्राह्मीब्राह्मी का सेवन मस्तिष्क की कार्यक्षमता में सुधार एवं मानसिक संतुलन बनाने में लाभकारी होता है।
⚠ [b]शंखपुष्पीशंखपुष्पी तंत्रिका तंत्र को स्थिर करने एवं मन को शांत रखने में उपयोगी है।
⚠ [b]त्रिफलात्रिफला का नियमित सेवन पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है एवं शरीर से विषाक्त पदार्थों के निष्कासन में सहायक होता है।
⚠ [b]हल्दीहल्दी के प्राकृतिक सूजनरोधी गुण मानसिक एवं शारीरिक सूजन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
⚠ [b]योग एवं प्राणायामनियमित योग, ध्यान एवं अनुलोम-विलोम प्राणायाम से मानसिक तनाव में कमी एवं रक्त परिसंचरण में सुधार होता है, जिससे मस्तिष्क तक आवश्यक पोषण बेहतर रूप से पहुँचता है।
[b]रोकथाम के उपाय⚠ [b]मनोवैज्ञानिक परामर्श एवं थेरेपीनियमित काउंसलिंग एवं थेरेपी से मानसिक तनाव एवं आघात का शीघ्र उपचार संभव होता है।
⚠ [b]सकारात्मक पारिवारिक एवं सामाजिक वातावरणसमर्थनपूर्ण परिवारिक माहौल एवं सकारात्मक सामाजिक संबंध व्यक्ति के मनोबल को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
⚠ [b]संतुलित आहार एवं नियमित व्यायामपोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार एवं नियमित शारीरिक गतिविधियाँ मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार लाती हैं।
⚠ [b]तनाव प्रबंधनयोग, ध्यान एवं रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से मानसिक तनाव को नियंत्रित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
[b]निष्कर्षकन्वर्शन डिसऑर्डर में मानसिक तनाव के कारण शारीरिक लक्षण प्रकट होते हैं, जिनका कोई जैविक कारण नहीं होता। नियमित मनोवैज्ञानिक परामर्श, सकारात्मक सामाजिक वातावरण, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम एवं आयुर्वेदिक उपचार – जैसे अश्वगंधा, ब्राह्मी, शंखपुष्पी, त्रिफला, हल्दी एवं नियमित योग एवं प्राणायाम – का संयोजन इस विकार के प्रभाव को कम करने एवं जीवन स्तर में सुधार लाने में सहायक हो सकता है; यदि लक्षणों में कोई परिवर्तन दिखाई दे, तो शीघ्र विशेषज्ञ से परामर्श करना अत्यंत आवश्यक है।

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