ईसिनोफिलिक एसोफागाइटिस (Eosinophilic Esophagitis) - परिचय, कारण, लक्षण, आयुर्वेदिक उपचार एवं रोकथाम के उपाय
परिचय
ईसिनोफिलिक एसोफागाइटिस एक पुरानी सूजन संबंधी बीमारी है जिसमें एसोफैगस (भोजन निगलने वाली नली) में ईसिनोफिल नामक सफेद रक्त कोशिकाओं का अत्यधिक संचय हो जाता है। इस सूजन से एसोफैगस की दीवार में कठोरता, फाइब्रोजिस एवं संकुचन हो सकता है, जिसके कारण भोजन निगलने में कठिनाई, जलन, दर्द एवं कभी-कभार वजन में कमी जैसे लक्षण प्रकट होते हैं। यह विकार अक्सर खाद्य एलर्जी, आनुवांशिक प्रवृत्ति एवं पर्यावरणीय ट्रिगर्स के कारण देखा जाता है।
कारण⚠ [b]खाद्य एलर्जीकुछ खाद्य पदार्थों से एलर्जी होने पर शरीर में ईसिनोफिल की वृद्धि हो जाती है, जिससे एसोफैगस में सूजन पैदा होती है।
⚠ [b]अनुवांशिक प्रवृत्तिपरिवार में इस विकार का इतिहास होने से जोखिम बढ़ जाता है।
⚠ [b]पर्यावरणीय ट्रिगर्सपरागकण, धूल एवं प्रदूषण जैसे बाहरी कारक भी एसोफैगस की सूजन को उत्तेजित कर सकते हैं।
⚠ [b]न्यूरोइम्यून असंतुलनमस्तिष्क एवं प्रतिरक्षा प्रणाली के बीच असंतुलन से भी इस विकार का विकास हो सकता है।
[b]लक्षण⚠ [b]भोजन निगलने में कठिनाईएसोफैगस में सूजन एवं कठोरता के कारण ठोस या तरल भोजन निगलने में बाधा आती है।
⚠ [b]एसोफैगस में जलन एवं दर्दभोजन लेते समय या उसके बाद जलन एवं दर्द का अनुभव हो सकता है।
⚠ [b]पेट में असहजता एवं वजन में कमीलगातार निगलने में कठिनाई से पोषण में कमी एवं वजन घटने के लक्षण दिख सकते हैं।
⚠ [b]अस्थायी दृष्टि में परिवर्तनकभी-कभी, एसोफैगस में सूजन के कारण कुछ न्यूरोलॉजिकल लक्षण भी प्रकट हो सकते हैं।
[b]आयुर्वेदिक उपचार⚠ [b]अश्वगंधा

अश्वगंधा का सेवन मानसिक तनाव कम करने, प्रतिरक्षा प्रणाली को संतुलित करने एवं सूजन नियंत्रित करने में सहायक होता है।
हल्दी
हल्दी के प्राकृतिक सूजनरोधी गुण एसोफैगस में सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
ब्राह्मी
ब्राह्मी का सेवन मानसिक संतुलन एवं न्यूरोइम्यून प्रणाली को सुधारने में लाभकारी होता है।
योग एवं प्राणायाम
नियमित योग, ध्यान एवं अनुलोम-विलोम प्राणायाम से मानसिक तनाव में कमी आती है एवं संपूर्ण रक्त परिसंचरण में सुधार होता है, जिससे पाचन तंत्र को बेहतर पोषण मिलता है।
संतुलित आहार
एलर्जी के कारकों से बचने हेतु, सुपाच्य एवं एलर्जी मुक्त आहार का सेवन करें।
पंचकर्म उपचार
शरीर से विषाक्त पदार्थों को दूर करने के लिए पंचकर्म भी सहायक हो सकता है।
[b]रोकथाम के उपाय⚠ [b]खाद्य एलर्जी का परीक्षण एवं नियंत्रणएलर्जी परीक्षण करवाएं और एलर्जी वाले खाद्य पदार्थों से बचें।
⚠ [b]स्वस्थ जीवनशैली अपनाएंसंतुलित आहार, नियमित व्यायाम एवं पर्याप्त नींद से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत रहती है।
⚠ [b]नियमित चिकित्सकीय निगरानीएसोफैगस के सूजन से जुड़े प्रारंभिक संकेतों का शीघ्र पता लगाने हेतु नियमित चिकित्सकीय जांच कराएं।
⚠ [b]पर्यावरणीय ट्रिगर्स से बचावधूल, प्रदूषण एवं अन्य बाहरी कारकों से बचने के लिए उचित उपाय अपनाएं।
[b]निष्कर्षईसिनोफिलिक एसोफागाइटिस एक पुरानी एलर्जी-संबंधी बीमारी है जिसमें एसोफैगस में सूजन, कठोरता एवं फाइब्रोजिस के कारण भोजन निगलने में कठिनाई होती है। उचित चिकित्सकीय देखरेख, स्वस्थ जीवनशैली एवं आयुर्वेदिक उपचार – जैसे अश्वगंधा, हल्दी, ब्राह्मी, संतुलित आहार, नियमित योग एवं प्राणायाम – का संयोजन इस विकार के प्रभाव को कम करने एवं रोगी के जीवन स्तर में सुधार लाने में सहायक हो सकता है; यदि लक्षणों में कोई परिवर्तन दिखाई दे, तो शीघ्र विशेषज्ञ से परामर्श करना अत्यंत आवश्यक है।

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