नेसल पॉलीपोसिस (Nasal Polyposis) - परिचय, कारण, लक्षण, आयुर्वेदिक उपचार एवं रोकथाम के उपाय
परिचय
नेसल पॉलीपोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें नाक के भीतरी हिस्सों में पॉलीप्स (सूजनयुक्त, गोलाकार ऊतक वृद्धि) विकसित हो जाती है। ये पॉलीप्स आमतौर पर सौम्य होते हैं परन्तु नाक में रुकावट, सुगंध की कमी एवं लगातार नाक बहना जैसे लक्षण उत्पन्न कर सकते हैं। समय के साथ इन पॉलीप्स के बढ़ने से सांस लेने में कठिनाई एवं अन्य संबंधित समस्याएं भी देखने को मिल सकती हैं।
कारण
⚠ [b]दीर्घकालिक सूजननाक एवं साइनस में पुरानी सूजन, जैसे कि क्रॉनिक राइनोसाइनुसाइटिस, पॉलीप्स के विकास में मुख्य भूमिका निभाती है।
⚠ [b]एलर्जीएलर्जी, जैसे कि परागकण एलर्जी या अस्थमा, के कारण नाक में सूजन और जलन बढ़ सकती है।
⚠ [b]आयुर्वेदिक दृष्टिकोण सेअत्यधिक वात व कफ दोष की असंतुलन से भी नाक में सूजन एवं पॉलीप्स के विकास की संभावना बढ़ जाती है।
⚠ [b]अन्य कारकसंक्रमण, धूल-मिट्टी एवं प्रदूषण के कारण भी नाक के ऊतकों में सूजन उत्पन्न हो सकती है।
[b]लक्षण⚠ [b]नाक में अवरोधपॉलीप्स के कारण नाक बंद होना एवं सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।
⚠ [b]सुगंध की कमीनाक में पॉलीप्स के होने से सुगंध पहचानने की क्षमता में कमी आ सकती है।
⚠ [b]निरंतर नाक बहनानाक से पानी जैसा निकलना या बलगम का अधिक होना आम लक्षण है।
⚠ [b]चेहरे में दबाव एवं दर्दनाक एवं साइनस के क्षेत्रों में हल्का दर्द एवं भारीपन महसूस हो सकता है।
[b]आयुर्वेदिक उपचार⚠ [b]तुलसी का काढ़ातुलसी के काढ़े का सेवन नाक की सूजन एवं एलर्जी को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
⚠ [b]अदरकअदरक के रस या अदरक की चाय पाचन तंत्र के साथ-साथ सूजन कम करने एवं नाक की सफाई में मदद करती है।
⚠ [b]हल्दी दूधहल्दी दूध के नियमित सेवन से प्राकृतिक सूजनरोधी गुणों के कारण नाक में सूजन में कमी आ सकती है।
⚠ [b]त्रिफला नेत्र धोनात्रिफला के पानी से नेत्र धोने से नाक और आसपास के ऊतकों में रक्त परिसंचरण सुधरता है, जिससे सूजन नियंत्रित रहती है।
⚠ [b]योग एवं प्राणायामनियमित योग, ध्यान एवं अनुलोम-विलोम प्राणायाम से मानसिक तनाव में कमी एवं रक्त परिसंचरण में सुधार होता है, जिससे शरीर के ऊतकों तक पोषण बेहतर रूप से पहुँचता है।
[b]रोकथाम के उपाय⚠ [b]स्वच्छता एवं नियमित नाक की सफाईनाक की नियमित सफाई एवं नाक के भीतर की स्वच्छता बनाए रखने से सूजन एवं पॉलीप्स के विकास में कमी आ सकती है।
⚠ [b]एलर्जी के स्रोतों से बचावपरागकण, धूल एवं अन्य एलर्जी कारकों से दूरी बनाए रखें तथा आवश्यक एलर्जी दवाओं का उपयोग करें।
⚠ [b]स्वस्थ आहार एवं पर्याप्त पानीसंतुलित आहार, विटामिन एवं मिनरल युक्त भोजन एवं पर्याप्त पानी पीने से शरीर में सूजन नियंत्रित रहती है।
⚠ [b]नियमित चिकित्सकीय जांचयदि लक्षण बने रहें, तो शीघ्र विशेषज्ञ से जांच एवं उचित उपचार कराएं।
[b]निष्कर्षनेसल पॉलीपोसिस नाक के भीतरी हिस्सों में सूजन एवं पॉलीप्स के कारण उत्पन्न होने वाला विकार है, जो सांस लेने, सुगंध पहचानने एवं चेहरे में दबाव जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। नियमित नाक की सफाई, एलर्जी के स्रोतों से बचाव, संतुलित आहार एवं तनाव प्रबंधन के साथ आयुर्वेदिक उपचार – जैसे तुलसी का काढ़ा, अदरक, हल्दी दूध, त्रिफला नेत्र धोना एवं नियमित योग एवं प्राणायाम – का संयोजन इस स्थिति के प्रबंधन एवं रोकथाम में सहायक हो सकता है; यदि लक्षण बढ़ें, तो शीघ्र विशेषज्ञ से परामर्श करना अत्यंत आवश्यक है।

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