अटैक्सिया टेलांजेक्टेसिया (Ataxia Telangiectasia) - परिचय, कारण, लक्षण, आयुर्वेदिक उपचार एवं रोकथाम के उपाय
परिचय
अटैक्सिया टेलांजेक्टेसिया (Ataxia Telangiectasia) एक आनुवांशिक न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग है जो बचपन में प्रकट होता है। इस रोग में मस्तिष्क के संतुलन एवं समन्वय से संबंधित हिस्सों में दोष होने के कारण चलने, बोलने एवं अन्य शारीरिक क्रियाओं में कठिनाई होती है। साथ ही, आँखों के आसपास रक्त वाहिकाओं का असामान्य फैलाव (टेलांजेक्टेसिया) भी देखा जाता है, जिससे त्वचा पर हल्की लालिमा प्रदर्शित होती है। यह रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को भी प्रभावित करता है, जिससे बार-बार संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
कारण
अनुवांशिक दोषएटी (ATM) जीन में उत्पन्न म्यूटेशन इस रोग का मुख्य कारण है। यह दोष ऑटोसोमल रेसेसिव रूप में विरासत में मिलता है।
⚠ [b]प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरीरोग से ग्रसित व्यक्तियों में प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिससे संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है।
⚠ [b]विरासत में प्राप्त होने वाला रोगइस रोग का होना माता-पिता से दोषपूर्ण जीन के मिलन पर निर्भर करता है, जिससे अगली पीढ़ी में इसके लक्षण प्रकट हो सकते हैं।
[b]लक्षण

⚠ [b]संतुलन एवं समन्वय में कमी (Ataxia)चलने-फिरने में अराजकता, हाथ-पैर की गतिविधियों में कमी एवं समन्वय में कमी रोग के प्रमुख लक्षण हैं।
⚠ [b]टेलांजेक्टेसियाआंखों के आस-पास और त्वचा पर सूक्ष्म रक्त वाहिकाओं का फैलाव दिखाई देता है।
⚠ [b]बार-बार संक्रमणकमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण सांस, त्वचा एवं अन्य अंगों में संक्रमण होने की संभावना रहती है।
⚠ [b]मांसपेशियों में कमजोरीशारीरिक क्रियाओं में सुस्ती एवं मांसपेशियों की ताकत में कमी महसूस होती है।
⚠ [b]अन्य न्यूरोलॉजिकल लक्षणसमय के साथ बोलने, समझने एवं अन्य संज्ञानात्मक क्षमताओं में गिरावट आ सकती है।
[b]आयुर्वेदिक उपचारअटैक्सिया टेलांजेक्टेसिया (Ataxia Telangiectasia) के पूर्ण उपचार में आधुनिक चिकित्सा का महत्वपूर्ण योगदान है, पर आयुर्वेदिक उपाय पूरक के रूप में निम्नलिखित हैं:
⚠ [b]ब्राह्मीब्राह्मी मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ाने, स्मरण शक्ति में सुधार एवं न्यूरोलॉजिकल संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है।
⚠ [b]अश्वगंधाअश्वगंधा तनाव को कम करने, मांसपेशियों की मजबूती बढ़ाने एवं प्रतिरक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करने में उपयोगी है।
⚠ [b]शंखपुष्पीशंखपुष्पी मस्तिष्क की संज्ञानात्मक क्षमताओं में सुधार लाने एवं न्यूरोलॉजिकल दोषों को संतुलित करने में मदद करती है।
⚠ [b]तुलसीतुलसी के अर्क में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालने एवं प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में सहायक होते हैं।
⚠ [b]योग एवं ध्याननियमित योग, ध्यान एवं प्राणायाम से मानसिक तनाव में कमी आती है एवं शारीरिक संतुलन में सुधार होता है, जो लक्षणों के प्रबंधन में सहायक सिद्ध होता है।
[b]रोकथाम के उपाय
⚠ [b]नियमित चिकित्सकीय जांचपरिवार में यदि इस रोग का इतिहास हो तो समय-समय पर जांच कराना आवश्यक है ताकि प्रारंभिक लक्षणों का पता चल सके।
⚠ [b]स्वस्थ जीवनशैलीसंतुलित आहार, नियमित व्यायाम एवं पर्याप्त नींद से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत रहती है एवं संक्रमण का खतरा कम होता है।
⚠ [b]प्रारंभिक हस्तक्षेपयदि न्यूरोलॉजिकल या संज्ञानात्मक लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए ताकि रोग की प्रगति को धीमा किया जा सके।
[b]निष्कर्ष
अटैक्सिया टेलांजेक्टेसिया (Ataxia Telangiectasia) एक आनुवांशिक न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग है, जिसमें संतुलन एवं समन्वय में कमी, आंखों के आसपास रक्त वाहिकाओं का फैलाव एवं कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के लक्षण दिखाई देते हैं। आधुनिक चिकित्सा के साथ-साथ आयुर्वेदिक उपचार जैसे ब्राह्मी, अश्वगंधा, शंखपुष्पी एवं तुलसी के साथ योग एवं ध्यान का अभ्यास लक्षणों के प्रबंधन में सहायक हो सकता है। नियमित चिकित्सकीय जांच एवं स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इस रोग के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

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