ब्लाउंट्स डिजीज (Blounts Disease) - परिचय, कारण, लक्षण, आयुर्वेदिक उपचार एवं रोकथाम के उपायपरिचय ब्लाउंट्स डिजीज (Blounts Disease) एक विकास संबंधी समस्या है जो मुख्य रूप से टिबिया (गुडड़) के ऊपरी हिस्से में असामान्य वृद्धि के कारण होती है। यह रोग बच्चों में अधिक देखा जाता है और इसमें पैरों का झुकाव (तिरछापन) होने लगता है। इस स्थिति से चलने में कठिनाई, घुटनों एवं टखनों पर असामान्य दबाव तथा स्थायी विकृति का खतरा रहता है।कारण ⚠ [b]अधिक वजनबच्चों में अत्यधिक वजन होने से टिबिया पर अनावश्यक दबाव पड़ता है, जिससे विकास में बाधा आती है। ⚠ [b]आनुवांशिक प्रवृत्तिपरिवार में इस रोग का इतिहास होने से बच्चों में इसकी संभावना बढ़ जाती है। ⚠ [b]असामान्य बायोमैकेनिकल स्ट्रेसगलत तरीके से चलने या गलत मुद्रा में बैठने से टिबिया पर अतिरिक्त दबाव उत्पन्न होता है। ⚠ [b]असामान्य हड्डी विकासहड्डी के विकास में अनियमितता भी ब्लाउंट्स डिजीज के विकास में भूमिका निभाती है।[b]लक्षण ⚠ [b]पैरों का झुकाव एवं तिरछापनपैरों में झुकाव देखने को मिलता है, विशेषकर घुटनों और टखनों में असमानता उत्पन्न होती है। ⚠ [b]चलने में असमंजसचलने में संतुलन की कमी तथा धीमी गति से चलना आम लक्षण हैं। ⚠ [b]दर्द एवं सूजनटिबिया एवं घुटनों में दर्द और सूजन महसूस हो सकती है, विशेषकर शारीरिक गतिविधि के बाद। ⚠ [b]विकास में बाधाबच्चों में हड्डियों के सामान्य विकास में रुकावट और स्थायी विकृति का खतरा रहता है।[b]आयुर्वेदिक उपचारब्लाउंट्स डिजीज (Blounts Disease) के मामले में आधुनिक चिकित्सा का विशेष महत्व है, पर आयुर्वेदिक उपाय पूरक के रूप में अपनाए जा सकते हैं। इन उपायों से शरीर के विषाक्त पदार्थों का निष्कासन, सूजन में कमी एवं हड्डी के स्वास्थ्य में सुधार में सहायता मिल सकती है: ⚠ [b]त्रिफलात्रिफला पाचन तंत्र को संतुलित करने एवं शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालने में सहायक होता है। ⚠ [b]हल्दीहल्दी में सूजन रोधी गुण होते हैं, जो प्रभावित क्षेत्र में सूजन एवं दर्द को कम करने में योगदान देते हैं। ⚠ [b]अश्वगंधाअश्वगंधा शरीर की मजबूती बढ़ाने एवं हड्डियों के स्वास्थ्य को समर्थन देने में उपयोगी है। ⚠ [b]गोक्षुरगोक्षुर हड्डियों के स्वास्थ्य को सुधारने एवं जोड़ मजबूत रखने में सहायक माना जाता है। ⚠ [b]योग एवं ध्याननियमित योग, ध्यान एवं स्ट्रेचिंग अभ्यास से शारीरिक संतुलन एवं समन्वय में सुधार आता है, जिससे विकास संबंधी समस्याओं में लाभ मिलता है।[b]रोकथाम के उपाय ⚠ [b]स्वस्थ आहारफल, सब्जियां एवं कैल्शियम युक्त आहार से हड्डियों का विकास सही ढंग से हो पाता है। ⚠ [b]नियमित व्यायामव्यायाम एवं खेल-कूद से हड्डियों एवं मांसपेशियों को मजबूत रखने में सहायता मिलती है। ⚠ [b]वजन नियंत्रणबच्चों में स्वस्थ वजन बनाए रखने से टिबिया पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ता। ⚠ [b]समय पर चिकित्सकीय जांचयदि पैरों में असामान्यता दिखाई दे तो विशेषज्ञ से जल्द जांच करवाना आवश्यक है ताकि उचित उपचार शीघ्र शुरू किया जा सके।[b]निष्कर्ष ब्लाउंट्स डिजीज (Blounts Disease) एक विकास संबंधी विकार है, जिसमें टिबिया के ऊपरी हिस्से में असामान्य वृद्धि के कारण पैरों का झुकाव होता है। यह रोग बच्चों में अधिक देखा जाता है और यदि समय पर उपचार न हो तो स्थायी विकृति का कारण बन सकता है। आधुनिक चिकित्सा के साथ-साथ आयुर्वेदिक उपाय, जैसे त्रिफला, हल्दी, अश्वगंधा, गोक्षुर एवं योग, पूरक के रूप में उपयोगी हो सकते हैं। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम एवं समय पर चिकित्सकीय जांच से इस स्थिति के प्रभाव को कम किया जा सकता है।