चीलाईटिस (Cheilitis) - परिचय, कारण, लक्षण, आयुर्वेदिक उपचार एवं रोकथाम के उपायपरिचय चीलाईटिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें होठों की त्वचा में सूजन, जलन एवं फटने की समस्या उत्पन्न हो जाती है। यह विकार अक्सर होठों के सूखेपन के कारण, पोषण संबंधी कमी या बाहरी कारकों के प्रभाव से होता है। प्रभावित व्यक्ति को खाने पीने में असुविधा एवं बोलने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।कारण ⚠ [b]मौसम के प्रभावठंड, तेज हवा या धूप के कारण होठों की त्वचा में सूखापन एवं दरारें पड़ सकती हैं। ⚠ [b]पोषण संबंधी कमीविशेषकर विटामिन बी, आयरन एवं आवश्यक पोषक तत्वों की कमी से होठों की त्वचा प्रभावित हो सकती है। ⚠ [b]एलर्जिक प्रतिक्रियाकुछ खाद्य पदार्थ या कॉस्मेटिक उत्पादों से एलर्जी की प्रतिक्रिया हो सकती है, जिससे होठों में जलन एवं सूजन होती है। ⚠ [b]अत्यधिक होठ चाटनाहोठों को बार बार चाटने से प्राकृतिक नमी खत्म हो जाती है एवं त्वचा फट जाती है। ⚠ [b]संक्रमणबैक्टीरियल या वायरल संक्रमण से भी चीलाईटिस का विकास हो सकता है।[b]लक्षण ⚠ [b]होठों का सूखापनहोठों पर अत्यधिक सूखापन एवं दरारें देखी जाती हैं। ⚠ [b]जलन एवं खुजलीप्रभावित क्षेत्र में तीव्र जलन एवं खुजली महसूस होती है। ⚠ [b]फटना एवं क्रैक होनाहोठों की त्वचा में दरारें पड़ जाती हैं, जिससे दर्द एवं असुविधा होती है। ⚠ [b]दर्दसूजन एवं फटने के कारण होठों में दर्द का अनुभव होता है।[b]आयुर्वेदिक उपचारचीलाईटिस के पूरक उपचार हेतु निम्नलिखित आयुर्वेदिक उपाय अपनाए जा सकते हैं: ⚠ [b]नीमनीम के अर्क का प्रयोग संक्रमण एवं सूजन को कम करने में सहायक होता है। ⚠ [b]हल्दीहल्दी के एंटीइंफ्लेमेटरी गुण जलन एवं सूजन कम करने में लाभकारी हैं। ⚠ [b]त्रिफलात्रिफला पाचन तंत्र को संतुलित करने एवं शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालने में सहायक होता है। ⚠ [b]आंवलाआंवला विटामिन सी का प्राकृतिक स्रोत है, जो त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार लाने में उपयोगी है। ⚠ [b]योग एवं ध्याननियमित योग, ध्यान एवं प्राणायाम से मानसिक तनाव कम होता है एवं शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार आता है।[b]रोकथाम के उपाय ⚠ [b]होठों की नियमित देखभालहोठों को हाइड्रेटेड रखने हेतु लिप बाम एवं मॉइस्चराइजर का नियमित उपयोग करें। ⚠ [b]संतुलित आहारफल, सब्जियाँ एवं पोषक तत्वों से भरपूर आहार से त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। ⚠ [b]एलर्जिक उत्पादों से बचावऐसे खाद्य पदार्थ एवं सौंदर्य उत्पादों से बचें जिनसे एलर्जी की संभावना हो। ⚠ [b]हाइजीन का ध्यानहोठों की साफ-सफाई एवं उचित हाइजीन बनाए रखने से संक्रमण का खतरा कम होता है।[b]निष्कर्ष चीलाईटिस (Cheilitis) होठों की त्वचा में सूजन, जलन एवं फटने की समस्या है जो विभिन्न कारणों से उत्पन्न होती है। मौसम, पोषण संबंधी कमी, एलर्जी एवं अत्यधिक होठ चाटने से यह विकार विकसित हो सकता है। आयुर्वेदिक उपाय जैसे नीम, हल्दी, त्रिफला एवं आंवला के साथ योग एवं ध्यान का नियमित अभ्यास त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार लाने में सहायक हो सकता है। उचित देखभाल एवं संतुलित आहार अपनाकर इस समस्या के जोखिम को कम किया जा सकता है। यदि लक्षण बने रहें तो विशेषज्ञ से परामर्श करना आवश्यक है।