ईसिनोफिलिक गैस्ट्रोएंटराइटिस (Eosinophilic Gastroenteritis) - परिचय, कारण, लक्षण, आयुर्वेदिक उपचार एवं रोकथाम के उपायपरिचय ईसिनोफिलिक गैस्ट्रोएंटराइटिस एक दुर्लभ पाचन संबंधी विकार है जिसमें आंत की दीवार में ईसिनोफिल नामक सफेद रक्त कणों का असामान्य संचय हो जाता है जिससे सूजन उत्पन्न होती है यह स्थिति अक्सर खाद्य पदार्थों से एलर्जी, ऑटोइम्यून प्रतिक्रियाएं या पर्यावरणीय कारणों के चलते होती है और इससे पेट दर्द, दस्त, उल्टी एवं वजन में गिरावट जैसी समस्याएं हो सकती हैंकारण ⚠ [b]एलर्जी प्रतिक्रियाकुछ खाद्य पदार्थ या पर्यावरणीय एलर्जन की प्रतिक्रिया से आंत में ईसिनोफिल का संचय बढ़ जाता है ⚠ [b]ऑटोइम्यून प्रतिक्रियाशरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में असंतुलन के कारण आंत की दीवार पर ईसिनोफिल जमा हो जाते हैं ⚠ [b]अनुवांशिक एवं पर्यावरणीय कारकपरिवार में इतिहास एवं बाहरी कारकों का भी इस स्थिति के विकास में योगदान हो सकता है[b]लक्षण⚠ [b]पेट में दर्द एवं सूजनआंत की दीवार में सूजन के कारण लगातार पेट में दर्द एवं भारीपन महसूस होता है ⚠ [b]दस्त एवं उल्टीपाचन क्रिया में बाधा के चलते दस्त, उल्टी एवं मतली जैसे लक्षण प्रकट होते हैं ⚠ [b]वजन में गिरावटपोषण का अवशोषण कम होने से वजन में गिरावट आ सकती है ⚠ [b]थकान एवं कमजोरीलगातार सूजन एवं पाचन समस्याओं के कारण शारीरिक ऊर्जा में कमी हो सकती है[b]आयुर्वेदिक उपचारईसिनोफिलिक गैस्ट्रोएंटराइटिस के पूरक उपचार हेतु आयुर्वेदिक उपाय पाचन तंत्र को मजबूत करने एवं विषाक्त पदार्थों के निष्कासन में सहायक होते हैं ⚠ [b]त्रिफलात्रिफला पाचन तंत्र को साफ रखने एवं शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालने में मदद करता है ⚠ [b]अश्वगंधाअश्वगंधा शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को संतुलित करने एवं सूजन कम करने में सहायक होती है ⚠ [b]नीमनीम के अर्क में प्राकृतिक संक्रमण रोधी गुण होते हैं जो आंत के स्वास्थ्य में सुधार लाने में मदद करते हैं ⚠ [b]हल्दीहल्दी के सूजन रोधी गुण सूजन एवं दर्द में कमी लाने में उपयोगी होते हैं ⚠ [b]योग एवं ध्याननियमित योग, ध्यान एवं प्राणायाम से मानसिक तनाव कम होता है एवं पाचन क्रिया में सुधार आता है[b]रोकथाम के उपाय⚠ [b]संतुलित आहार अपनाएंफल सब्जियां एवं फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में सहायक होता है ⚠ [b]नियमित व्यायाम करेंशारीरिक गतिविधि से पाचन क्रिया में सुधार एवं आंत पर दबाव कम होता है ⚠ [b]पर्याप्त पानी पिएंदिन भर में पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर में विषाक्त पदार्थ आसानी से बाहर निकल जाते हैं ⚠ [b]नियमित चिकित्सकीय जांच कराएंसमय पर जांच से रोग के प्रारंभिक लक्षणों का पता चल सकता है एवं उचित उपचार संभव होता है[b]निष्कर्षईसिनोफिलिक गैस्ट्रोएंटराइटिस एक दुर्लभ पाचन विकार है जिसमें आंत की दीवार में ईसिनोफिल का असामान्य संचय होता है समय पर चिकित्सकीय निदान एवं आधुनिक चिकित्सा के साथ पूरक आयुर्वेदिक उपाय जैसे त्रिफला, अश्वगंधा, नीम, हल्दी एवं नियमित योग एवं ध्यान से पाचन तंत्र में सुधार एवं सूजन कम की जा सकती है संतुलित आहार, नियमित व्यायाम एवं पर्याप्त पानी का सेवन से इस स्थिति के जोखिम को कम किया जा सकता है यदि लक्षण प्रकट हों तो तुरंत विशेषज्ञ से परामर्श करना अत्यंत आवश्यक है